05 DECTHURSDAY2024 4:04:13 AM
Nari

जानिए  2025 में कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति, इस दिन  स्नान और दान  करने से मिलता है 100 गुना फल

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 04 Dec, 2024 04:12 PM
जानिए  2025 में कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति, इस दिन  स्नान और दान  करने से मिलता है 100 गुना फल

नारी डेस्क:  मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसे ज्योतिषीय दृष्टि से भी खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन से सूर्य उत्तरायण होता है और दिन बड़े होने लगते हैं। मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है, जैसे लोहड़ी, पोंगल, भोगी, आदि।  चलिए जानते हैं अगले वर्ष कब है मकर संक्रांति। 
 

यह भी पढ़ें: सर्दियों में लडडू गोपाल को स्नान कराने का ये है सही तरीका
 

इस दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति

हिंदू कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2025 में सूर्य देव मकर राशि में 14 जनवरी मंगलवार को प्रवेश करेंगे।  भगवान सूर्य सुबह के समय 9 बजकर 3 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे, यह समय मकर संक्रांति क्षण होगा। सूर्य गोचर होने के कारण मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन पुण्य काल की कुल अवधि 8 घंटे 42 मिनट की है। पुण्य काल सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगी।  इस दिन सुबह 9 बजकर 3 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक महा पुण्य काल रहेगा। 


मकर संक्रांति का महत्व

इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य को बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति पर स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान सूर्य की पूजा और खिचड़ी, तिल-गुड़, कपड़े, अन्न का दान पुण्यकारी होता है।  यह फसलों की कटाई का पर्व है और इसे किसानों के लिए नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह दिन उत्सव, खुशी और भाईचारे का प्रतीक है।  
 

यह भी पढ़ें:   भारतीय नौसेना ने Nari Shakti को दी अहम जिम्मेदारी
 

 मकर संक्रांति पर स्नान करने के लाभ

मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों (जैसे गंगा, यमुना, गोदावरी) में स्नान करने से मन और आत्मा शुद्ध होती है।   इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।  ठंडे पानी में स्नान करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह रक्तसंचार को बेहतर करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। स्नान के बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कुंडली में ग्रह दोष दूर होते हैं।  
सूर्य भगवान को जल अर्पित करने से सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य में सुधार होता है।  

 

स्नान और दान के नियम

-सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।  
-पवित्र नदियों या घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें।  
-स्नान के बाद तिल, गुड़, कपड़े, अन्न का दान करें।  
-सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें।  


मकर संक्रांति पर किया गया स्नान और दान सौ गुना फलदायक होता है।  

Related News