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क्या आपकी रसोई में भी नहीं है सिलबट्टा?  ये फायदे जानकर तुरंत ले आएंगे इसे घर

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 14 Oct, 2024 06:30 PM
क्या आपकी रसोई में भी नहीं है सिलबट्टा?  ये फायदे जानकर तुरंत ले आएंगे इसे घर

नारी डेस्क:  किचन में सिलबट्टा  रखना भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है, और इसके कई फायदे भी हैं। आधुनिक उपकरणों के बावजूद, सिलबट्टे का उपयोग आज भी कई घरों में किया जाता है। आइए जानते हैं कि किचन में सिलबट्टा क्यों जरूरी माना जाता है और इसके फायदे क्या हैं:

 

स्वाद में सुधार

सिलबट्टे पर मसाले पीसने से उनका स्वाद और सुगंध अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि सिलबट्टे पर मसाले धीरे-धीरे और प्राकृतिक तरीके से पीसे जाते हैं, इससे मसालों की खुशबू और स्वाद बरकरार रहता है। यह स्वाद इलेक्ट्रिक ग्राइंडर से पीसे गए मसालों की तुलना में अधिक प्रामाणिक और गहरा होता है।


   
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

सिलबट्टे पर मसाले पीसने में कम गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे मसालों के पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। ग्राइंडर में मसाले पीसने से गर्मी पैदा होती है, जिससे मसालों के पोषक तत्व कम हो सकते हैं। इसके अलावा, सिलबट्टा का उपयोग करते समय थोड़ा शारीरिक श्रम करना पड़ता है, जिससे कुछ मात्रा में व्यायाम भी हो जाता है।

 

परंपरागत और नैचुरल तरीका

 सिलबट्टा एक पारंपरिक और प्राकृतिक तरीका्र है जिससे खाना बनाने में एक विशेष स्वाद और गुण आता है। यह पीसने की एक धीमी प्रक्रिया है, जिससे मसालों का तेल बाहर आता है और उनका असली स्वाद उभरता है। सिलबट्टा बिजली का उपयोग नहीं करता, इसलिए यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होता है। इसका उपयोग करने से बिजली की बचत होती है, और यह पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्री से बना होता है।

 

आयुर्वेदिक महत्व

 आयुर्वेद में, सिलबट्टे पर पीसे गए मसालों और जड़ी-बूटियों को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। सिलबट्टे पर धीरे-धीरे पीसने से जड़ी-बूटियों और मसालों के औषधीय गुण बने रहते हैं, जिससे उनका उपयोग स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी हो जाता है। सिलबट्टे पर मसाले अच्छी तरह से और बारीक पीसे जाते हैं। इसमें मसालों के कणों का सही आकार बनाए रखने में मदद मिलती है, जिससे खाने का स्वाद और भी अधिक बढ़ता है। सिलबट्टे पर पीसे गए मसाले अक्सर ग्राइंडर से अधिक बेहतर होते हैं, क्योंकि इसमें मसाले का हर हिस्सा बराबर पीसा जाता है।

 

ध्वनि प्रदूषण से बचाव

इलेक्ट्रिक ग्राइंडर के विपरीत, सिलबट्टा  ध्वनि प्रदूषण से मुक्त होता है। इसका उपयोग पूरी तरह से शांत और आरामदायक होता है, जिससे किचन में काम करने का अनुभव भी बेहतर बनता है। सिलबट्टा एक मजबूत और टिकाऊ उपकरण है जो कई वर्षों तक चलता है । इसका सही तरीके से देखभाल करने पर यह पीढ़ियों तक उपयोग किया जा सकता है।

 

कम खर्चीला

सिलबट्टा खरीदने और इस्तेमाल करने में बेहद सस्ता होता है। एक बार खरीदने के बाद इसमें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आता, जैसे कि बिजली या रखरखाव की जरूरत होती है।  सिलबट्टा विशेष रूप से जड़ी-बूटियों और चटनी  पीसने के लिए बहुत उपयोगी होता है। इससे बनी चटनी का स्वाद बिल्कुल ताजा और स्वादिष्ट होता है।
 

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