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गर्ल्‍स स्टूडेंट्स में भी IIM का क्रेज, पहली बार लड़कों से ज्यादा लड़कियों ने लिया Admission

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 24 Jul, 2022 01:12 PM
गर्ल्‍स स्टूडेंट्स में भी IIM का क्रेज, पहली बार लड़कों से ज्यादा लड़कियों ने लिया Admission

मैनेजमेंट की सबसे बड़ी पाठशाला आईआईएम की ओर बेटियों का रुझान बढ़ रहा है।  काशीपुर, रोहतक, रायपुर, संबलपुर और उदयपुर सहित युवा भारतीय प्रबंधन संस्थानों  में 2022-24 के स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी) बैच में प्रत्येक 10 छात्रों में से कम से कम तीन महिलाएं हैं। इससे लग रहा है कि आईआईएम कैंपस में लिंग अनुपात में सुधार आने वाला है। 


कुछ सालों से दिख रहे बदलाव

मैनेजमेंट और बिजनेस से जुड़े संस्थानों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स में लड़कों की संख्या अमूमन लड़कियों से ज्यादा रहती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसमें बदलाव देखने को मिल रहा है।  रायपुर के आईआईएम संस्थान ने तो इतिहास ही रच दिया है. वर्तमान शैक्षणिक सत्र में इस इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने वाले 328 छात्रों में से 203 लड़कियां और 125 लड़कों ने एडमिशन लिया है, जाे अपने आप में बड़ी बात है। 

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रायपुर के आईआईएम ने रचा इतिहास

कुछ नए IIM, जैसे रोहतक (61%) और काशीपुर (43%) ने अहमदाबाद, बेंगलुरु और कोलकाता में पुराने IIM की तुलना में लिंग विविधता पर बेहतर स्कोर किया है। अधिकारियों की मानें तो आईआईएम काशीपुर और रायपुर में पिछले 10 वर्षों में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। आईआईएम रायपुर में यह पहली बार है कि महिला छात्रों की संख्या पुरुष छात्रों से अधिक है।

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महिलाएं हायर एजुकेशन में बढ़ रही हैं आगे

 IIM प्रोफेसर सत्यशिब दास ने बताया कि- इंडियन मैनेजमेंट स्कूल में ज्यादातर लड़के ही एडमिशन लेते थे। इसके कारण यह था कि मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में ज्यादातर स्टूडेंट इंजीनियरिंग फील्ड से आते थे। हमारे देश में इंजीनियरिंग को मेल डॉमिनेटिंग सब्जेक्ट माना जाता था, लेकिन अब  ट्रेंड चेंज हो रहा है। महिलाएं हायर एजुकेशन में आगे आ रहीं हैं यह पिछले 4 से 5 सालों में देखा जा रहा है कि IIM रायपुर लड़कियों की पहली पसंद बन रहा है। 

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आईआईएम कलकत्ता ने भी किया बदलाव

आईआईएम, दुनिया भर के अधिकांश प्रमुख बिजनेस स्कूलों की तरह, अधिक विविध कक्षाओं को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ में लिंग विविधता नीतियां हैं या अधिक महिलाओं को शामिल करने के लिए प्रवेश प्रक्रिया में विशिष्ट क्रेडिट बनाए गए हैं। आईआईएम रायपुर द्वारा लिंग विविधता को लगभग 8 प्रतिशत वेटेज दिया जाता है । आईआईएम कलकत्ता ने भी अपने प्रवेश पाठ्यक्रम के प्रारंभिक चरणों में लिंग विविधता के लिए बदलाव किया है। 

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महिलाओं के लिए उठाए जा रहे कदम 

IIM द्वारा भी महिलाओं के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। IIM रोहतक महिला छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रमुख शहरों में इंटरैक्टिव सत्र और ऑनलाइन सेमिनार आयोजित कर रहा है। यह विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति प्राप्त करने में महिलाओं को सहायता भी प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, यह योग्य महिला उम्मीदवारों को उनके माता-पिता के साथ संस्थान में आने के लिए आमंत्रित कर रहा है। आईआईएम काशीपुर में प्रोफेसर मृदुल माहेश्वरी ने कहा- महिला छात्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एमबीए एनालिटिक्स के लिए महिला आवेदकों को 7.5 अंक और एमबीए के लिए छह अंक दिए जाते हैं।"

 

ये हैं एडमिशन के आंकड़े

एडमिशन के आंकड़ों की बात की जाए तो फ्लैगशिप पीजी प्रोग्राम में 2020-2022 के बैच में कुल 258 स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया। जिनमें 106 लड़कियां और 152 लड़के शामिल थे। 2021-2023 बैच में कुल 259 स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया था, जिनमें 118 लड़कियां और 141 लड़कों ने प्रवेश लिया।  वर्तमान सत्र 2022-2024 में 328 स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया है, जिसमें 203 लड़कियां और 125 लड़के है. इस साल के आंकड़े रायपुर आईआईएम के लिए ऐतिहासिक हैं। 


 

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