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Hariyali Teej 2020: जानें सोलह श्रृंगार से जुड़ी इन चीजों को पहनने का महत्व

  • Edited By neetu,
  • Updated: 22 Jul, 2020 02:47 PM
Hariyali Teej 2020: जानें सोलह श्रृंगार से जुड़ी इन चीजों को पहनने का महत्व

हरियाली तीज हर साल सावन के महीने में मनाई जाती है। यह मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाला त्योहार है। इस दिन सभी महिलाएं खासतौर पर नवविवाहिताएं या कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर और अपने पति की लंबी आयु के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। मां पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित कर उपवास रखती है।

 

इस बार हरियाली तीज 23 जुलाई को मनाई जाएगी। इस सभी महिलाएं सोलह श्रृंगार कर इस त्योहार को मनाती है। वर्षा ऋतु की प्रसन्नता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में हर जगह हरियाली होने से मन में खुशी का अहसास होता है। इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं। तो चलिए जानते हैं सोलह श्रृंगार में कौन- कौन सी चीजें आती है। साथ ही इससे जुड़ा महत्व...

फूल 

फूलों को शुभ माना जाने से महिलाएं अपने सोलह श्रृंगार में फूलों को जरूर इस्तेमाल करती हैं। मानसून के महीने नमी होने से सूर्य और चांद की शक्ति बारिश आने के कारण कम होने लगती है। ऐसे में सभी को इस दौरान आलस और थकान ज्यादा महसूस होता है। ऐसे में फूलों को बालों पर लगाने से इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही इसकी धीमी-धीमी खूशबू से मन खुश रहता है।

सिंदूर

मांग में सिंदुर भरना सुहागिन औरतों की निशानी होता है। इसे लगाने से चेहरे पर नेचुरल ग्लो आता है। साथ ही इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी पाया जाता है। विज्ञान के अनुसार, मांग में सिंदुर भरने से शरीर में भरी विद्युत ऊर्जा को कंट्रोल करने की शक्ति मिलती है। 

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बिंदी

बिंदी को महिला का एक अनमोल गहना कहा जाता है। माथे पर बिंदी या मांग टिका लगाने से शरीर में साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही मन की चिंताएं दूर हो मानसिक शांति मिलती है। इसके अलावा चंदन का टिका लगाना भी शुभ माना जाता है। इससे दिनभर ताजगी के साथ ठंडक का अहसास होता है। 

कंगन या चूड़ियां

महिलाओं द्वारा हाथों में सोने के कंगन या हरे रंग की चूडि़यां पहनने से खून का संचार बेहतर तरीके से होने में मदद मिलती है। यह शरीर में हार्मोंस के बैलेंस रखने के साथ कमजोरी व थकान को कम करता है। 

मंगल सूत्र

काले मोती और सोने से तैयार मंगल सूत्र भारतीय महिला अपने गले में पहनती है। इसे पहनने से जहां सुंदरता बढ़ती है वहीं शरीर को बीमारियां लगने का खतरा भी कई गुणा कम रहता है। गले में सोने की चीज पहनने वाली महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। ऐसे में दिल की धड़कन कंट्रोल में रहती हैै, जिससे दिल से संबंधित बीमारियों के होने का खतरा कम होता है। साथ ही शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं बात इसके मोतियों की करें तो वह चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में  मन की चंचलता कम होती है। 

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कानों में बालियां

कानों में सोने  के आभूषण पहनने से मानसिक तनाव होने का खतरा कई गुणा कम हो जाता है। कानों में छेद करने से आंखों की रोशनी तेज होने के साथ सिरदर्द की परेशानी से राहत मिलती है।

सोने का मांग टिका

सोने का मांग टिका माथे पर लगाने से सुंदरता के साथ दिमाग का मस्तिष्क का नर्वस सिस्टम बेहतर ढंग से काम करता है। 

बाजूबंद

इसे बाजू पर बांधा जाता है। इससे पहनने में सुंदर लगने के साथ शरीर में खून का संचार ठीक तरीके से चलाने में मदद करता है। साथ ही शरीर में होने वाले दर्द से राहत मिलती है।

कमरबंद

इसे पहनने से शरीर का बीमारियों से बचाव रहता है। पेट से समस्याओं कम होने के साथ हार्निया के होने का खतरा कई गुणा कम होता है। 

पायल

चांदी की पायल सोलह श्रृंगार में एक महत्वपूर्ण आभूषण है। इसे पैरों में पहनने से महिलाएं सुंदर तो दिखती है। साथ ही पायल का बार-बार त्वचा व हड्डियों से रगड़ने से हड्डियों को मजबूती मिलती है। इससे निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा शरीर का बीमारियों से बचाव करती है।

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बिछिया

इसे सुहाग की प्रमुख निशानी के रूप में माना जाता है। यह पैरों की खूबसूरती बढ़ाने के साथ नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों मजबूती दिलाने में मदद करती है। 

नथनी

नथनी नाक में पहने जाने वाला आभूषण है। इसे पहनने के पीछे वैज्ञानिक महत्व भी जुड़ा है। उनके अनुसार इसे पहनने से महिलाओं में सहनशीलता का गुण आता है। ऐसे में उन्हें दर्द को सहने की शक्ति मिलती है। 

अंगूठी

सोने की अंगूठी को अंगूलियों में पहनने से शरीर में खून का प्रवाह सही तरीके से होता है।  हाथों की सुंदरता बढ़ने के साथ इससे आलस और थकान की परेशानी भी दूर होती है। 

मेहंदी

मेहंदी लगाने खासतौर पर महिलाओं को अच्छा लगता है। साथ ही इसे परंपरा के तौर को प्राचीन काल से ही हाथों व पैरों पर लगाया जाता है। इससे लगाने से शरीर में शीतलता आने के साथ त्वचा से जुड़े रोगों से छुटकारा मिलता है। 

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काजल

महिलाएं द्वारा सोलह श्रृंगार के तौर पर आंखों में काजल या सुरमा लगाया जाता है। यह आंखों की सुंदरता बढ़ाने के साथ रोशनी तेज करने में भी फायदेमंद होता है। ऐसे में आंखों से संबंधित बीमारियों के लगने का खतरा कम रहता है।  

मेकअप

चेहरे पर मेकअप करने से महिलाएं की खूबसूरती पर चारचांद लगने के साथ आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही ऊर्जा का संचार होता हौ। 

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