फर्स्ट टाइम मदर बनने पर आधी से ज्यादा बातें तो महिलाओं को पता ही नहीं होती हैं, जिस वजह से वो इस दौरान आने वाली परेशानियों को दूर करना के उपाय नहीं कर पाती हैं। डिलीवरी के बाद महिलाओं को ' निप्पल क्रैक्स ' यानि ब्रेस्ट की निप्पल में दर्द या दरार महसूस हो सकती है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गलत पोजीशन की वजह से ऐसा हो सकता है। अगर आपको भी प्रेग्नेंसी के बाद 'निप्पल क्रैक्स' की प्रॉब्लम हो रही है, तो इसके लिए दवा लेने की बजाय घरेलू नुस्खों से इसे दूर करने की कोशिश करें।
घी
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में दरार का प्राकृतिक उपचार करने के लिए देसी घी का नुस्खा अपनाया जा सकता है। देसी घी में त्वचा काे घाव भरने व सूदिंग वाले प्रभाव होते हैं। साथ ही, घी लगाने से स्तनों के दर्द, सूजन, जलन व लालिमा की समस्या का उपचार भी किया जा सकता है।
तुलसी
तुलसी के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो विभिन्न बैक्टीरिया को नष्ट करने में मददगार होते हैं। इसी वजह से स्तनों के दरार का प्राकृतिक उपचार करने के लिए तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए 8-10 तुलसी के पत्तों को पीस कर उसका पेस्ट बना लें और फिर इस पेस्ट को निप्पलों पर लगा लें। बेहतर होगा अगर ऐसा सोते समय करें। ताकि, बार-बार बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए माँ को ब्रेस्ट को धोना न पड़ें।
एलाेवेरा जेल
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में क्रेक दूर करने के लिए एलाेवेरा जेल का इस्तेमाल करना भी प्रभावकारी हो सकता है। एलोवेरा जेल प्राकृतिक तौर पर नमी के गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में त्वचा की नमी को वापस लाकर एलोवेरा जेल ब्रेस्ट के दरारों को हील करने में मदद कर सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए ब्रेस्ट को साफ करके उस पर एलोवेरा जेल लगाएं और 20 मिनट बाद पानी से ब्रेस्ट को धो लें। ध्यान रखें कि बच्चे की ब्रेस्टफीडिंग कराने के बाद ही स्तनों पर एलोवेरा जेल लगाएं।
नारियल तेल
कोकोनट ऑयल मसाज भी निप्पल में घाव या दर्द को दूर कर सकता है। नारियल तेल से निप्पलाें का रूखापन दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, नारियल तेल में प्राकृतिक तौर पर हीलिंग व सूथिंग गुण भी होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में दरार का प्राकृतिक उपचार करने के लिए किसी कटोरी में दो चम्मच नारियल तेल गुनगुना करें और उससे स्तनों की मालिश करें। दिन में दो बार ऐसा नियमित रूप से करें।
ब्रेस्ट की सफाई का रखें ध्यान
जब आप दूध पिला लें, तो ब्रेस्ट की सफाई करना ना भूलें। इससे बच्चे को भी इंफेक्शन नहीं होगा। ब्रेस्टफीडिंग कराने के बाद ब्रेस्ट और निप्पल को साफ करके सूखने दें। दूध पिलाने के तुरंत बाद ही ब्रा ना पहन लें। इससे ब्रेस्ट पर लगा दूध सूखता नहीं है। सफाई ना करने से भी जलन, क्रैक्स की समस्या हो सकती है।