जन्म के 6-8 महीनों के बाद बच्चा करवट लेना, बैठना, घुटनों के बल चलना, बोलना आदि काम करने लगता है। इसके बाद वह चलना शुरू करता है। मगर बच्चे के चलना शुरू करने के शुरुआती दौर पर पेरेंट्स को खास ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसे में अगर आपके बच्चे ने चलना शुरू कर रहा है तो आज हम आपको कुछ खास टिप्स बताते हैं। इसकी मदद से आप उसे चलने में मदद व प्रेरित कर सकते हैं...
वॉकर ना करें इस्तेमाल
आमतौर पर पेरेंट्स बच्चों को वॉकर चलाने के लिए देते हैं। इसे बच्चा चलाने के साथ अपना सारा वजन पैरों पर डालने लगता है। ऐसे में जब बच्चा खुद चलने की कोशिश करने लगे तो उसे वॉकर का इस्तेमाल करना बंद कर दें। इसके साथ ही उसे बिना वॉकर के चलने के लिए प्रेरित करें।
कारपेट करें यूज
शुरुआत में बच्चा चलते-चलते कई बार गिरता है। ऐसे में जमीन व फर्श पर गिरने से उसे चोट लग सकती है। इससे बचने के लिए फर्श पर मोटा सा कारपेट बिछा दें। इससे बच्चे को चोट लगने का खतरा कम होगा और वह पैरों में ज्यादा दबाव महसूस नहीं करेगा। एक्सपर्ट अनुसार, बच्चा जब चलना शुरु करता है तो वह शरीर का सारा भाग पैरों पर महसूस करने लगता है। ऐसे में जमीन पर कारपेट बिछाने से उसे यह दबाव कम फील होगा।
तेल मसाज करें
अगर आपका बच्चा चलना शुरु कर रहा है तो शुरुआती दौर में उसे पैरों पर शरीर का सारा भार महसूस होता है। इसके कारण उसे दर्द भी होता है। इससे बचने के लिए आप दिन में 2 बार बच्चे की गुनगुने तेल से मसाज करें। इससे उसकी मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आएगी और चलना आसान होगा। इसके साथ ही वह खुद चलने में प्रेरित होगा।
बच्चे को चलाने में करें मदद
अगर बच्चा चलने की कोशिश कर रहा हैं तो उसे उंगली का सहारा दें। इससे उसके गिरने की दिक्कत नहीं होगी। आपके हाथों का सपोर्ट मिलने से बच्चा चलने के लिए प्रेरित होगा। ऐसे में वह खुद चलने की कोशिश करेगा।
खुद भी करने दें कोशिश
अगर आपका बच्चा खुद चलने की कोशिश कर रहा हैं तो इसके लिए उसे प्रेरित करें। इसके लिए आप उसे अपनी ओर बुलाए। आप चाहे तो पास ही किसी कोने में उसके खिलौने रखकर उसे लाने को कह सकते हैं। इसके अलावा खुद बच्चे को अपने हाथ या उंगली का सपोर्ट देकर चलने में मदद करें।
नोट- बच्चे को चलने के लिए दबाव ना डालें। अगर वो थोड़ा सा चल कर रुक रहा हैं तो उसे कुछ देर बैठे रहने दें। इसके साथ ही शुरुआती दौर में बच्चे के चलने पर उसकी खास निगरानी करें ताकि उसे चोट लगने का खतरा ना हो।