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हर-हर महादेव... सावन के पहले सोमवार मंदिरों में लगा भक्तों का तांता, इस बार टूटेंगे कई रिकॉर्ड

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 22 Jul, 2024 03:33 PM
हर-हर महादेव... सावन के पहले सोमवार मंदिरों में लगा भक्तों का तांता, इस बार टूटेंगे कई रिकॉर्ड

हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस साल सावन का महीना 22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगा। इस पूरे माह में भगवान महादेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि महादेव सिफर् जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। जल अर्पित करके भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों के कष्टों का नाश कर उनकी समस्त मनोकामना पूर्ण करते हैं। 

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सावन के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर समेत देश के विभिन्न शिव मंदिरों में भगवान महादेव का लाखों भक्तों ने दर्शन पूजन किया। सावन मास के प्रथम सोमवार को बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में एक लाख से ज्यादा पहुंच चुके हैं। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि बाबा विश्वनाथ के दरबार में देर शाम तक कुल 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन पूजन करेंगे, जो अपने आप में नया रिकॉर्ड होगा। 

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शिव भक्तों के लिए विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में विशेष इंतजाम किए गए हैं।  श्रद्धालु लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर भगवान शिव पर दुग्ध, जल, बेलपत्र भांग, धतूरा, सफेद फूल इत्यादि से जलाभिषेक कर रहे हैं और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर रहे हैं। 

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वहीं  मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी श्रद्धालुओं के बीच अपार उत्साह देखने को मिला। मंदिर परिसर में श्रावण सोमवार के पहले अर्ध रात्रि से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया। मास के पहले सोमवार को तड़के श्री महाकाल की भस्म आरती हुई, जिस दौरान भी बड़ी संख्या में लोग मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। 

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सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग कतारबद्ध होकर श्री महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। इस दौरान मंदिर के पुजारियों द्वारा श्री महाकाल की विशेष पूजा और अभिषेक किया गया। श्रावण सोमवार को देखते हुए श्री महाकालेश्वर का आज विशेष श्रृंगार किया गया। 

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श्रद्धालु भक्ति में सराबोर हैं। घरों में ही भोलेनाथ की भक्ति, पूजा-आराधना के साथ ॐ नम: शिवाय, हर-हर महादेव, बोलबम के जयकारे गूंजने लगे है। सावन का आरंभ एवं समापन दोनों ही सोमवार के दिन होगा। इस मास में पांच सोमवार का उत्तम संयोग होने से शिव भक्तों का उत्साह चरम पर है।सावन महीने में सोमवार के दिन को लेकर हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ एवं व्रत करने से भगवान शिव अपने भक्त पर प्रसन्न होते हैं। सोमवारी व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। 

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माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सोमवारी व्रत किया था। सोमवार के व्रत का शिव की आराधना और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार, सावन में समुद्र मंथन हुआ था। सृष्टि की रक्षा के लिये मंथन से निकले विष को भगवान भोलेनाथ पी गए थे. उनका कंठ नीला पड़ गया था। इसी कारण उनका नीलकंठ नाम पड़ा।

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समस्त देवी-देवताओं ने शिव जी राहत पहुंचाने और विष के प्रभाव को कम करने भगवान शिव पर शीतल जल अर्पित किया, तभी से शिव जी को जल बहुत प्रिय हैं। सावन में भोले भंडारी का जलाभिषेक करने से वे प्रसन्न होते हैं। 
 

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