कोरोना वायरस की दूसरी लहर जहां देश में थमती हुई नज़र आ रही हैं। वहीं कोरोना वायरस लगातार अपना रूप भी बदल रहा है। दरअसल, अब इस वायरस का नया वैरिएंट मिला है। जिसे 'डेल्टा प्लस' या 'एवाई.1' नाम दिया गया है। यह कोरोना के 'डेल्टा' वैरिएंट से बना है, जिससे बहुत ज्यादा संक्रमण बढ़ा था।
हालांकि वैज्ञानिक इस वायरस को लेकर ज्यादा भयभीत नहीं हैं। उनका मानना है कि भारत में अभी इसे लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि देश में अब भी इसके बेहद कम मामले हैं।
'वायरस के इस प्रकार को लेकर भारत में चिंता की कोई बात नहीं है'
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च- इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायलॉजी (CSIR-IGIB) के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि अभी वायरस के इस प्रकार को लेकर भारत में चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने बताया कि टीके की पूरी खुराक ले चुके लोगों के रक्त प्लाज्मा से वायरस के इस प्रकार का परीक्षण करना होगा जिससे पता चलेगा कि यह immunity को चकमा दे पाता है या नहीं।
नया वैरिएंट शरीर को कैसे करता है संक्रमण?
डाॅक्टर ने कहा कि यह परिवर्तन सार्स सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन में हुआ है जो वायरस को मानव कोशिकाओं के भीतर जाकर संक्रमित करने में मदद करता है। विनोद स्कारिया ने ट्विटर पर लिखा कि भारत में के417एन से उपजा प्रकार अभी बहुत ज्यादा नहीं है. ये सीक्वेंस ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका से सामने आए हैं।
नए वैरिएंट से 'एंटीबाडी कॉकटेल' के प्रयोग को लगा झटका-
विनोद स्कारिया ने यह भी कहा कि उत्परिवर्तन, वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता से भी संबंधित हो सकता हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता विशेषज्ञ विनीता बल ने कहा कि हालांकि, वायरस के नए प्रकार के कारण 'एंटीबाडी कॉकटेल' के प्रयोग को झटका लगा हैं। लेकिन, इसका यह मतलब नहीं है कि वायरस अधिक संक्रामक है या इससे बीमारी और ज्यादा घातक हो जाएगी।
'डेल्टा+' वैरिएंट ही है भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार-
जानकारी के मुताबिक, 'डेल्टा+' वैरिएंट कोरोना वायरस के 'डेल्टा' या 'बी1.617.2' प्रकार में बदलाव होने से बना है। 'डेल्टा' वैरिएंट की पहचान पहली बार भारत में हुई थी। यही वैरिएंट भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था। हालांकि, वायरस के नए प्रकार के कारण बीमारी कितनी घातक हो सकती है, इसका अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है।