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एक तरफ पति की मौत दूसरी तरफ डूबती कंपनी.... अगर ये महिला ना दिखाती  हिम्मत तो कबका बंद हो जाता CCD

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Mar, 2025 11:24 AM
एक तरफ पति की मौत दूसरी तरफ डूबती कंपनी.... अगर ये महिला ना दिखाती  हिम्मत तो कबका बंद हो जाता CCD

नारी डेस्क: कैफे कॉफी डे (CCD) एक समय भारत की सबसे लोकप्रिय कॉफी चेन थी, लेकिन जब इसके संस्थापकवी.जी. सिद्धार्थ ने 2019 में आत्महत्या कर ली, तब कंपनी 7,000 करोड़ रुपये के भारी कर्ज में डूबी हुई थी। उनके निधन के बाद, उनकी पत्नी मालविका हेगड़े ने कैफे कॉफी डे को दिवालिया होने से बचाने की जिम्मेदारी उठाई और इसे दोबारा खड़ा किया।  महिला दिवस के खास मौके पर जानते हैं मालविका हेगड़े के संघर्ष और हिम्मत की पूरी कहानी।  

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CCD की नींव साल 1996 में वीजी सिद्धार्थ ने रखी थी। साल 2000 तक कंपनी काफी मुनाफ़े में थी। साल 2015 से कंपनी के बुरे दिन की शुरुआत हो गई।  साल 2019 तक कंपनी 6547 करोड़ रुपए के कर्ज़ में डूब गई। कर्ज और इनकम टैक्स के बीच मुश्किल में फंसे विजी सिद्धार्थ ने साल 2019 में नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। 7 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी कंपनी और 25 हजार कर्मचारियों की जिम्मेदारी वी.जी. सिद्धार्थ की पत्नी मालविका हेगड़े पर आ गई, जिन्होंने इंडस्ट्री में बिना किसी बड़े अनुभव के अपने दम पर कंपनी को खराब आर्थिक स्थिति से उबारने का संकल्प लिया।  वे कैफे कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड की CEO बनीं और कंपनी को सफलता की राह पर वापस लाने में जुट गईं**।  

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 मालविका हेगड़े ने CCD को कैसे बचाया?

सबसे पहले  मालविका ने फिजूलखर्ची रोककर, बिजनेस को दुबारा संगठित करके और सही वित्तीय योजना बनाकर CCD का कर्ज 7,000 करोड़ से घटाकर 1,800 करोड़  तक ला दिया।  CCD को एक स्थिर और मजबूत ब्रांड बनाने के लिए उन्होंने ग्राहक केंद्रित रणनीतिअपनाई।  उन्होंने बैंकों, निवेशकों और कर्मचारियों का विश्वास बनाए रखा, जिससे कंपनी दिवालियापन से बच सकी।  CCD ने आक्रामक विस्तार की बजाय मौजूदा स्टोर्स को बेहतर बनानेऔर प्रॉफिटेबल ब्रांचेज पर ध्यान केंद्रित किया।  CCD के हजारों कर्मचारियों को प्रेरित किया और कंपनी में आशा और विश्वासबनाए रखा।  

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 CCD की दोबारा वापसी

आज CCD फिर से एक स्थिर ब्रांड बन गया है और मालविका हेगड़े के मजबूत नेतृत्व ने इसे बर्बादी से बचाकर आगे बढ़ाया। उनकी संघर्ष और नेतृत्व क्षमता महिलाओं के लिए एक प्रेरणा  है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो किसी भी कठिनाई से बाहर निकला जा सकता है। लविका हेगड़े की यह कहानी बताती है कि कठिन समय में भी साहस और सही रणनीति से सफलता हासिल की जा सकती है। बता दें कि  मालविका हेगड़े कर्नाटक के पूर्व सीएम एस.एस कृष्णा की बेटी हैं। उन्होंने अमेरिकी कंपनी Blackstone और Shriram Credit company के साथ बिज़नेस एग्रीमेंट किया।


 

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