दुनिया भर में महिलाएं ओवेरियन यानि बच्चेदानी के कैंसर की शिकार हो रही हैं। वजह शायद बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल, जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस, समय पर न तो अच्छे से खाना और न ही पूरी नींद ले पाना। जिस वजह से महिलाओं के शरीर में गांठे बनने लगती है। यह गांठे ज्यादातर ब्रेस्ट या फिर बच्चेदानी यानि ओवरी में बनती है। कुछ महिलाओं के शरीर में पानी वाली रसौलियां बनती है, जिनका इलाज नार्मल ऑप्रेशन द्वारा किया जाता है, मगर कुछ Cases में देखने को मिलता है कि ऑप्रेशन के 1 साल बाद रसौलियां फिर बन जाती है। रसौलियां चाहें कैंसर वाली हों या फिर नार्मल, खतरा दोनों से ही रहता है।
योग एक ऐसा तरीका है जिससे हम शरीर की हर समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। देखा गया है कि कुछ महिलाओं ने केवल योग के जरिए ही बच्चेदानी की साधारण रसौलियों से छुटकारा पा लिया है। उसके बाद उन्हें मां बनने का सुख भी प्राप्त हुआ है। जी हां, जिन औरतों की बच्चेदानी में रसौलियां होती है, वह मां नहीं बन पाती। तो चलिए आज जानते हैं, बच्चेदानी की रसौलियों से छुटकारा पाने के लिए आपको कौन-कौन से आसन करने चाहिए, सबसे पहले जानेंगे इनके लक्षण...
रसौली के लक्षण
-पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग
-अनियमित पीरियड्स
-पेट के नीचे के हिस्से में दर्द
-प्राइवेट पार्ट से खून आना (कैंसर का डर)
-कमजोरी महसूस होना
-प्राइवेट पार्ट से बदबूदार डिस्चार्ज
-पेट में अचानक दर्द
-कब्ज
-यूरीन रुक-रुककर आना
बटरफ्लाई आसन
बच्चेदानी की रसौलियों से छुटकारा पाने के लिए यह एक बहुत आसान और फायदेमंद आसन है। आपको हर सुबह और शाम 10-15 मिनट के लिए इसे करना है। इसे करने के लिए आप जमीन पर चौकड़ी लगाकर बैठ जाएं, आपको अपने दोनों पैरों के तलवे को एक दूसरे के साथ जोड़कर, घुटनों को ऊपर-नीचे करना है। ऐसा करने से पेट की आंतड़ियों में खिंचाव पैदा होगा। और नसों के जुड़ जाने के कारण जो रसौलियां या गांठे आपकी ओवरी में बनी हैं, वो धीरे-धीरे कम होनी शुरु हो जाएंगी। इस आसन को करने से आपका मानसिक तनाव भी कम होगा।
पश्चिमासन
यह आसन भी आपके पेट से ही जुड़ा है। इसे करने के लिए आप जमीन पर टांगे सामने करके बैठ जाएं। अपने हाथों को ऊपर से लाते हुए पैरों की तरफ आगे को झुकें। पैरों के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें। जब थक जाएं, तो रुककर जितनी बार हो सके इस आसन को दोहराएं। लगभग हर रोज 5 से 7 बार इसे जरूर करें।
भुजंगासन
इस आसन को करते वक्त आपको जमीन पर उल्टे लेट जाना है। उल्टे लेटकर अपनी बाजू को कंधों के पास लाकर धीरे से ऊपर उठने की कोशिश करनी है। जितना हो सके ऊपर उठें, सांस को रोकते हुए जितनी देर हो सके रुके रहें। जब थक जाएं तो धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए नीचे की तरफ आ जाएं। ऐसा सुबह-शाम 5 बार कम से कम जरूर करें।
पवनमुक्सान
इसे करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं, अपने घुटनों को पेट के साथ जोड़ लें, और बाजू के साथ जकड़ लें। अब बच्चों की भांति आपको पीठ के बल लेटकर इसी स्थिति में लेटना उठना है। ऐसा कम से कम 10 बार जरूर करना है। पवमुक्सान से पेट से जुड़ी हर समस्या दूर होती है। खासतौर पर रसौलियां तो बहुत जल्द अपने आप खत्म होने लगती है। मगर इन सभी आसन को आपको रुटीन में करना है।