माता-पिता को बच्चे बहुत ही प्यारे होते हैं। उनकी छोटी से छोटी बातों का पेरेंट्स ध्यान रखते हैं लेकिन फिर भी कई बार बच्चे गुस्सैल और तनाव स्वभाव के होने लगते हैं। वैसे तो बच्चों में गुस्सा होना आम है परंतु कई बार गुस्सा ज्यादा बढ़ जाने के कारण बच्चे गलत कदम भी उठाने लगते हैं। जिसके कारण बच्चों का गुस्सा माता-पिता के लिए भी प्रॉब्लम होने लगती है। बच्चे में गुस्से के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन यदि आपका बच्चा हर समय गुस्से में रहते हैं तो इसके कई कारण भी हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में....
फैमिली का माहौल
कई बार घर का माहौल और आपसी झगड़े बच्चे के गुस्से का कारण बनते हैं। माता-पिता के झगड़े बच्चे के मानसिक विकास पर गलत प्रभाव डालते हैं। इसलिए यदि आपको बच्चे ज्यादा गुस्सैल स्वभाव के हैं तो उनके सामने न लड़ें। इससे उनका गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ सकता है।
दोस्तों के कारण
बच्चे अपने दोस्तों के काफी करीब होते हैं। लेकिन कई बार उनके साथ छोटी सी बात पर लड़ाई हो जाने से बच्चे इमोशनली परेशान हो जाते हैं। अपनी बात सामने वाले इंसान को न समझाने के कारण बच्चे उस चीज को इमोशनली लेने लगते हैं जिसके कारण भी वह गुस्सैल हो जाते हैं।
तंग होने के कारण
बच्चे कई बार बुलिंग का भी शिकार होने लगते हैं। जिसके कारण भी वह परेशान रहने लगते हैं। अपनी बात किसी से न शेयर कर पाने के कारण वह अकेला महसूस करने लगते हैं। इसलिए यदि आपका बच्चा अकेला महसूस कर रहा है तो उसे अकेले न छोड़ें।
पेपर या पढ़ाई के कारण
अगर बच्चा अपनी पढ़ाई को लेकर न अच्छा महसूस करे वह तो भी गुस्सैल स्वभाव का हो सकता है। इन सब बातों का असर सीधे बच्चे के स्वभाव पर पड़ता है। इसलिए यदि बच्चा अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पा रहा तो उस पर कोई प्रेशर न डालें।
हार्मोन्स बदलने के कारण
टीनएज में आने पर बच्चे के हार्मोन्स बदलते हैं जिसका असर उसके स्वभाव पर भी पड़ता है। बच्चे हर समय चिड़चिड़े स्वभाव के होने लगते हैं। छोटी-छोटी बात पर परेशान होने लगते हैं। इसलिए यदि बच्चे ज्यादा तनाव महसूस करते हैं तो आप उन्हें स्पोर्ट करें ताकि वह अकेला न महसूस कर सकें।