बच्चे तो दिनभर किसी न किसी काम में लगे रहते हैं। कुछ बच्चे थोड़े शरारती होने पर दूसरों को तंग करते हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जो सही काम को करने सामने वाले से तारीफ सुनते हैं। ऐसे में पेरेट्स का फर्ज बनता है कि उसके हर काम को देखते व समझते हुए उसपर अपना रिएक्शन दें। अगर कहीं बच्चा कुछ गलत कर रहा है तो उसे प्यार से समझाएं। इसके विपरित बच्चे द्वारा कुछ अच्छा करने पर उसका हौंसला बढ़ाने के लिए उसकी तारीफ करें। ताकि उसे आगे भी सही काम करने की प्रेरणा मिल सके।
बात अगर बच्चों की तारीफ करने की करें तो इस पर सिर्फ 'बहुत अच्छा', 'शाबाश' आदि शब्दों का प्रयोग करने की जगह पेरेंट्स को कुछ ऐसे काम करने चाहिए, जिससे बच्चे का हौंसला बढ़े। उसे उसके द्वारा किए बेहतरीन को इसी तरह आगे करते रहने के लिए प्रोत्साहित करें। ताकि बच्चे को भी लगे कि आप उनको द्वारा किए गए काम से खुश है। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं, जिसे फॉलो कर आप अपने बच्चे को प्रोत्साहित करने के साथ उसे जीवन में बेहतर इंसान बनाने में मदद कर पाएंगे।
बच्चे की बातों को टालें न बल्कि अच्छे से सुनें
अक्सर पेरेंट्स बच्चों की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में बच्चे निराश होने लगते हैं। इसलिए चाहे कितना भी जरूरी काम क्यों न हो तो अपने बच्चों के लिए हमेशा टाइम निकाले। उनकी बातों को ध्यान से सुने और समझते। अगर बच्चे ने कोई अच्छा काम किया है या कोई जीत हासिल की है तो उसके लिए 1-2 शब्द नहीं बल्कि दिल खोल कर उसकी तारीफ करें। उदाहरण के तौर पर अगर आपका बच्चा किसी प्रतियोगिता में भाग लेने वाला है तो उससे उसकी तैयारी के बारे में पूछे। उससे बात करें कि कौन-कौन प्रतियोगिता में भाग ले रहा है। उसे आपकी मदद की जरूरत तो नहीं आदि इस तरह उसका मनोबल व प्रोत्साहन बढ़ाए।
उसकी कोशिशों की तारीफ करें
ऐसा जरूरी नहीं है कि आपका बच्चा जिस भी प्रतियोगिता में भाग ले रहा है वह उसे जीत कर ही आए। ऐसे में हर पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि अपने बच्चे की कोशिशों के लिए उसकी तारीफ करें। साथ ही प्यार से उसे उसकी गलती बता कर उसे आगे के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही बच्चे के किसी चीज में सफल होने यानी जीत हासिल करने पर उसे इस बात को समझाए कि जीवन में सबसे आगे रहना एक अच्छी बात है। मगर सही दिशा में काम व मेहनत करना भी जरूरी है। ऐसे में उसे सही व गलत की पहचान भी करवाएं।
बच्चे की खुशी का रखें ध्यान
जैसे कुछ अच्छा करने पर बच्चे की तारीफ की जाती है। उसी तरह बच्चे के साथ थोड़ा क्वालिटी टाइम बीताकर उसे अच्छा व खुशी महसूस करवाएं। इसलिए समय-समय पर बच्चे से बात करें। उससे उसकी जरूरतों के बारे में पूछे। साथ ही कुछ अच्छा करने पर तारीफ और गलत करने पर प्यार से समझाएं। उसे अकेलापन महसूस न होने दें।
समय-समय पर बच्चे से बात करें
अगर बच्चा कोई अच्छा काम कर रहा है तो उसका हौंसला बढ़ाने के लिए उससे बात करें। उसके काम को देखें और तारीफ करें। किसी तरह की जरूरत होने पर उसकी मदद करें। साथ ही उसके काम व क्रिएटिविटी के लिए उसकी तारीफ करते हुए उससे पूछे की उसने यह काम कैसे किया। उदाहरण के तौर पर अगर आपके बच्चे ने कोई अच्छी पेंटिंग बनाई है तो उसकी तारीफ करते हुए उसे उस पेंटिंग के बारे में पूछे। उससे जाने कि उसको इसे बनाने में कितना समय लगा। पेंटिंग करते हुए मजा आया या नहीं आदि उससे प्रश्न पूछे।
बच्चे को हर काम को करने के पीछे मिलने वाले परिणामों के बारे में बताए
प्यार व धैर्य मन से बच्चे को उसके कामों के बारे में बताएं। उसे इस बात का एहसास करवाएं की वह जो काम कर रहा है उसका परिणाम क्या होगा यानी उसे सही व गलत की पहचान करवाएं। उसे बताएं कि उसने जो काम किया है या जो करने जा रहा है उससे दूसरे पर कितना असर पड़ेगा। इससे बच्चे की सोच में पॉजीटिविटी आएगी। साथ ही उसे सही दिशा पर चलने व काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
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