हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से होती है और समापन आश्विन अमावस्या के दिन होता है। पितृ पक्ष की शुरुआत इस बार 29 सितंबर से होने जा रही है और इसका समापन सर्वपितृ अमावस्या के दिन 14 अक्टूबर को होने जा रहा है। माना जाता है कि पेड़- पौधों में भी प्राण होते हैं, ये हर सकारात्मक, नकारात्मक ऊर्जा महसूस कर लेते हैं। माना जाता है कि पेड़ पौधों में भी पितरों का वास होता है। ऐसे में अगर आप पितृ पक्ष में पेड़ रोपण या उनका पूजन करते हैं तो उससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है। आइए आपको बताते हैं कि ज्योतिष एक्सपर्ट के हिसाब से कौन सा पौधा लगाना सही है...
पीपल
पीपल हिंदू धर्म में सबसे पवित्र पेड़ माना गया है। पितृ पक्ष में पीपल लगाना बहुत शुभ माना जाता है। पितृ पक्ष में नियमित रूप से इसके नीचे दीपक जलाने से या इसमें जल डालने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
बरगद
बरगद को आयु देने वाला तथा मोक्ष देने वाला पेड़ माना जाता है। अगर ऐसा लगता है कि पितरों की मुक्ति नहीं हुई है तो बरगद के नीचे बैठकर शिव जी की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा बरगद के पेड़ की परिक्रमा भी करनी चाहिए।
बेल
अगर पितृ पक्ष में बेल का पेड़ लगाया जाए तो अतृप्त आत्मा को शान्ति मिलती है। अमावस्या के दिन शिव जी को बेल पत्र और गंगाजल अर्पित करने से सभी पितरों को मुक्ति मिलती है।
अशोक
कहते हैं जहां अशोक होता है, वहां शोक नहीं होता है। अशोक का वृक्ष घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा नहीं आती है।
तुलसी
तुलसी का एक पत्ता भी वैकुण्ठ तक पहुंचा सकता है। दाह संस्कार के बाद उस स्थान पर तुलसी का पौधा लगाया जाता है। अगर पितृ पक्ष में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी देखभाल की जाय तो पितरों को निश्चित मुक्ति मिलती है। पितृ पक्ष में तुलसी के पौधे में नियमित जल देने से पितरों को तृप्ति मिलती है। तुलसी का पौधा अगर घर में फूले तो घर में अकाल मृत्यु की नौबत नहीं आती है।