पोषक तत्वों के साथ-साथ महिलाओं के लिए एस्ट्रोजन हार्मोन भी बेहद जरूरी है। इसकी कमी से ना सिर्फ पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं बल्कि यह इनफर्टिलिटी और तनाव का कारण भी बन सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि शरीर में इसकी कमी से आपको क्या-क्या परेशानियां हो सकती है और शरीर में एस्ट्रोजन की कमी को कैसे पूरा किया जाए।
किन महिलाओं में होती है एस्ट्रोजन की कमी?
जिन महिलाओं में एनोरेक्सिया (ईटिंग डिसऑर्डर) व थाइराइड की समस्या होती है, उनमें एस्ट्रोजन की कमी की समस्या होने के ज्यादा संभावना रहती हैं।
एस्ट्रोजन की कमी का कारण
ओवरीज में कोई भी प्रॉब्लम होने से शरीर में इस हार्मोन का स्तर कम होने लगता है, जिसे प्री-मेनोपॉज भी कहा जाता है। इसके अलावा...
. आनुवांशिक
. प्री मैच्योर ऑवेरियन फेलियर
. थाइराइड डिसऑर्डर
. अत्यधिक मात्रा में एक्सराइज करना।
. कीमोथेरेपी
. पिट्यूटरी ग्रंथि की कार्यप्रणाली धीरे होना भी इसकी वजह है।
कैसे पहचाने इसका कमी के लक्षण...
. पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होना
. पीरियड्स समय पर ना आना
. अचानक भूख ना लगना
. नींद ना आना और बैचेनी
. मानसिक तनाव, डिप्रेशन
. अचानक वजन बढ़ना
. हड्डियों में दर्द व कमजोरी
प्रेगनेंसी में आती है दिक्कतें
एस्ट्रोजन की कमी की वजह से ओव्यूलेशन में दिक्कत आती हैं, जिसके चलते महिलाओं को गर्भधारण करने में काफी दिक्कत होती है।
यूटीआई (UTI)
कम एस्ट्रोजन के स्तर के वजह से मूत्रमार्ग में मौजूद टिश्यू भी पतले हो जाते हैं और इनका विकास भी रूक जाता है। इसके कारण महिलाओं में यूटीआई की समस्या हो सकती हैं। इतना ही नहीं, इसके कारण वैजाइना में ड्राईनेस की समस्या भी हो जाती है।
कैंसर
शरीर में अगर इस हार्मोन का लेवल बिगड़ जाए तो इससे कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। शोध के अनुसार, बॉडी में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने पर ब्रैस्ट कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।
समय से पहले बूढ़ा दिखना
इसकी कमी के कारण चेहरे पर मुहांसे, झुर्रिया, त्वचा में ढीलापन, झाइयों और अन्य एंटी-एजिंग समस्याए होने लगती है, जो आपको समय से पहले बूढ़ा दिखाती हैं।
एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ाने के उपाय
हर्बल चाय
हर्बल चाय जैसे कि रेड क्लोवर लाल, थाइम, और वर्बेना जैसी हर्बल चाय पीएं। नियमित रूप से इसका सेवन करके शरीर में एस्ट्रोजन लेवल को बढ़ाया जा सकता है।
बीज
कुछ ऐसे बीज भी हैं, जो आपके एस्ट्रोजन लेवल को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए डाइट में अलसी के बीज, तिल, कद्दू के बीज आदि का सेवन करें।
ड्राई फ्रूट्स और मेवे
एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ाने के लिए डाइट में खजूर, प्रून, खुबानी, पिस्ता और अखरोट आदि ऐसे ड्राई फ्रूट्स जैसे नट्स का भी सेवन करें।
रेड वाइन
रेड वाइन को पॉली एस्ट्रोजन का एक सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है, जो हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।।
सोया मिल्क
सोया मिल्क एक प्लांट बेस्ड दूध है, जो शरीर में एस्ट्रोजन के उत्पादन में सुधार करने के लिए जाना जाता है।
भरपूर पानी पीएं
शरीर में पानी की कमी न होने दें। इसके लिए दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं।
एक्सरसाइज व भरपूर नींद
रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज व योग जरूर करें। साथ ही 7-8 घंटे की नींद जरूर लें क्योंकि अनिद्रा के कारण भी हार्मोन असंतुलन होता है।