आज भारत को आजाद हुए पूरे 73 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस दिन ना सिर्फ लोग ना सिर्फ पूरी संस्कृति और परंपरा के साथ इस दिन का जश्न मनाते हैं बल्कि वो तिरंगा लेकर इधर-उधर घूमते हैं। कुछ लोग तो अपने वाहनों के आगे भी तिरंगा लगा लेते हैं लेकिन क्या आपको पता है तिरंगे को यूज करने के भी कुछ नियम होते हैं। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े इन नियमों का उल्घंन करने पर 'प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट' के अनुसार तीन साल की जेल के साथ भारी जुर्माना भी देना पड़ता है। ऐसे में हर किसी 'द फ्लैग ऑफ इंडिया' से जुड़े ये नियम पता होने चाहिए।
तिरंगे झंडे (Tiranga Jhanda) से जुड़े नियम
1. बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज में तीन आयताकार पैनल होना जरूर है यानि इसका साइड बिगड़ने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है।
2. इस बात का भी ध्यान रखें कि ध्वज की चौड़ाई बराबर हो, सबसे ऊपर केसरिया (सैफरॉन), बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा रंग हो। तिरंगा हमेशा आयताकार होना चाहिए। लंबाई और चौड़ाई में इसका अनुपात 3:2 का होना जरूरी है।
3. इसके बीच के पैनल में नेवी ब्लू रंग में अशोक चक्र (Ashok Chakra ) में 24 लाइन्स होना भी बहुत जरूरी है। यह भी जरूरी है कि तिरंगे में यह दोनों ओर से दिखे।
4. तिरंगे बनाने का यह भी नियम है कि वह ऊन, कॉटन, सिल्क या खादी का बना हो। इसके अलावा पेपर या प्लास्टिक के झंड़ों का इस्तेमाल भी न करें।
5. तिरंगे से जुड़ा एक नियम यह भी है कि किसी भी इमारत पर इसे आधा न फहराया जाए। मगर किसी खास मौके या सरकारी दफ्तरों में इसकी छूट होती है।
6. राष्ट्रीय झंडे का इस्तेमाल किसी चीज को लपेटने के लिए न करें। वहीं, किसी भी हालात में तिरंगा जमीन या पानी से नहीं छूना चाहिए।
7. इतना ही नहीं, इस बात का भी ध्यान रखें कि इसका इस्तेमाल किसी कॉस्ट्यूम या यूनिफॉर्म की तरह न किया जाए। सोफे के कुशन, रुमाल, नैप्किन या किसी अन्य ड्रेस मटीरियल पर भी इसकी आकृति नहीं होनी चाहिए।
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