भारत को बहुत जल्द बच्चों के लिए स्वदेशी वैक्सीन मिल जाएगी। दरअसल, कोवैक्सीन और जायडस-कैडिला की स्वदेशी वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण पूरा हो गया है और दो हफ्ते के अंदर ही कंपनी ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांग सकती है। उम्मीद है कि इसी महीनें के अंत तक वैक्सीन मिल सकती है।
कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी के बाद Zydus-Cadila को मिल सकती है मंजूरी-
नीति आयोग के सदस्य और वैक्सीन पर गठित उच्चाधिकार समूह के प्रमुख डा. वीके पाल के अनुसार, कंपनी दो हफ्ते के अंदर इसके इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन भी कर सकती है। कोरोना संक्रमण पर गठित विषय विशेषज्ञ समिति यानी एसईसी तीसरे चरण के टेस्टिंग के डेटा का एनालिसिस करेगी।
सब कुछ सही पाए जाने पर समिति कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी की तरह इसके भी इमरजेंसी इस्तेमाल की अप्रुवल मिल सकती है। इसके बाद DCGI से इसकी मंजूरी मिलने में कोई समस्या नहीं रहेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार एक बार कंपनी की ओर से आवेदन करने के बाद पूरी प्रक्रिया में लगभग दो हफ्ते का समय लग सकता है।
Zydus-Cadila की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल हुआ पूरा-
डा. वी के पाल के मुताबिक, Zydus-Cadila की वैक्सीन के ट्रायल में बड़ों के साथ-साथ 12 से 18 साल की उम्र के बच्चे भी शामिल रहे। उन्होंने बताया कि Zydus-Cadila की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल का पूरा हो चुका है। जिसकी वजह से इसी महीनें इस वैक्सीन के उपलब्ध होने की उम्मीद जगी है।
बच्चों के लिए करीब 28 करोड़ डोज़ की जरूरत पड़ेगी-
डॉ वी के पॉल ने बताया कि, भारत में अगर 12 से 18 साल के उम्र के बच्चों की बात करें तो उनकी संख्या करीब 13 से 14 करोड़ है। ऐसे में दो डोज़ के हिसाब से करीब 28 करोड़ डोज़ की जरूरत पड़ेगी।