छोटी बच्चियों के अधिकारों की रक्षा और लोगों को इसके प्रति जाहरुक करने के लिए नैशनल गर्ल्स चाइल्ड-डे मनाया जाता है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि बच्चियां बड़ी होकर शारीरिक , आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से आत्मनिर्भर व सक्षम बन सकें। आइए इस दिवस की कुछ खास बातों पर नजर डालें।
1. राष्ट्रीय बालिका दिवस जिसे हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। भारत सरकार ने 2008 से इस दिवस को मनाने की शुरुआत की थी।
2. बालिका शिक्षा, स्वास्थ व बालिका लिंग अनुपात में गिरावट के मुद्दे को जागरुक करना, समानता का अधिकार दिलाना ही इस दिवस का उद्देश्य है।
3. इस दिन को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की वर्षगांठ के तौर पर भी चिन्हित किया गया है।
4. पंजाब राज्य ने जनवरी 2021 को "month of Girl Child" (बालिका माह) भी घोषित किया है और धीयां दी लोहड़ी योजना भी शुरू की।
5. ओडिशा राज्य सरकार भी उन संस्थाओं व संगठनों को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सम्मानित करती है जो बाल विवाह गांवों को मुक्त करवाने का काम करती हैं। जहां बाल विवाह का राष्ट्रीय औसत 26.8 % है और ओडिशा में बाल विवाह का प्रचलन 21.3% है।
6.भारत की पहली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी को नारी शक्ति के रुप में भी इस दिन को याद किया जाता है। वह पहली ऐसी महिला प्रधानमंत्री रही जिन्होंने प्रधानमंत्री के रुप में कार्यभार संभाला था। अपने पिता के जवाहर लाल नेहरु के बाद वह पहली भारतीय प्रधानमंत्री थी जिन्होंने लंबे समय तक प्रधानमंत्री का पद संभाला था। (जनवरी1966-1977 दोबारा जनवरी 1980 से अक्तूबर 1984 तक )
7.सरकार द्वारा इस दिन बालिका सुरक्षा शिक्षा लिंग अनुपात व उनके स्वास्थ मुद्दों पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
8.साल 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आई और 2015 में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की शुरुआत की गई ताकि बेटियों के प्रति लोगों की मानसिकता बदलें। लोग बालिका अधिकारों को लेकर जागरूक हो, उन्हें समानता का अधिकार मिले।