ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसके कारण व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। शोध की माने तो हर 10 में से 6वां व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाता है लेकिन बावजूद इसके लोग इससे अंजान है। ऐसे में लोगों को बीमारी से जागरूक करवाने के लिए हर साल 29 अक्टूबर के दिन विश्व स्ट्रोक दिवस भी मनाया जाता है।
सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है खतरा?
रिसर्च के मुताबिक, सर्दियों में स्ट्रोक की संभावना 30% तक बढ़ जाती है, जिसका कारण वातावरण में आद्रर्ता बढ़ना है। इसके कारण खून गाढ़ा और रक्त कोशिकाएं संकरी हो जाती है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, इस दौरान फिजिकल एक्टिविटी की कमी और हाई ब्लड प्रेशर भी इसका कारण बनते हैं।
इन्हें बचाव की अधिक जरूरत
हाई ब्लड प्रैशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, एनिमिया, माइग्रेन और डायबिटीज के मरीजों में इसकी संभावना अधिक होती है इसलिए इन्हें अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा...
. 55 साल से अधिक उम्र के लोग
. फिजिकल एक्टिविटी कम करने वाले
. जन्मजात रक्तवाहिनी रोगी
. धूम्रपान, शराब अधिक लेना
. मोटे और सुस्त लोग
. गर्भनिरोधक अधिक लेने वाली महिलाओं को इसका अधिक खतरा होता है।
दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान
. शरीर के किसी एक ओर के हिस्से में कमजोरी या लकवा जैसी स्थिति होना
. हाथ व पैर भी ना हिलाना और बोलने में दिक्कत
. एकदम से कम सुनाई देना या धुंधला दिखाना
. सिर में अचानक तेज दर्द व चक्कर आना
स्ट्रोक आने पर क्या करें?
सही इलाज व लक्षणों की पहचान से रोगी को विकलांगता या जानहानि से बचाया जा सकता है। लक्षण दिखते ही मरीज को तुरंत हॉस्पिटल में ले जाए। ध्यान रखें कि हॉस्पिटल में 24 घंटे 7 सीटी स्कैन, एमआरआई की सुविधा होनी चाहिए।
अब जानिए स्ट्रोक से बचाव के उपाय
- सर्दियों में गुनगना पानी पीएं, ताकि शरीर गर्म रहें। साथ ही डाइट में भी गर्म चीजें अधिक लें, जिससे खून गाढ़ा ना हो। मीठे, जंक फूड्स, प्रोसेस्ड फूड्स की बजाए फल, हरी सब्जियां, सूप लें।
- शराब और धूम्रपान से जितना हो सके दूरी बनाकर रखें।
- जितना हो सके तनाव से दूर रहें और खुद को पॉजिटिव रखें।
- नियमित व्यायाम योग व फिजिकल एक्टिविटी करें। हो सके तो 10-15 मिनट धूप में भी टहलें।
याद रखें सही लाइफस्टाइल और खान-पान ही आपको बीमारियों से बचा सकता है इसलिए स्वस्थ दिनचर्या का पालन करें।