नारी डेस्क: माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंखों से गिरे आंसू हैं, ऐसे में इसकी बेहद अधिक है। माना जाता है कि रुद्राक्ष शरीर के लिए रक्षा कवच की तरह काम करता है। हालांकि रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसकी शुद्धता की जांच करना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका आध्यात्मिक और चिकित्सीय लाभ तभी मिलता है जब यह असली हो। रुद्राक्ष की शुद्धता की जांच के लिए कई सरल तरीके हैं, जिनमें से एक सिक्के से जांच करना भी शामिल है। आइए जानते हैं यह तरीका और अन्य जांच विधियां।
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सिक्के से रुद्राक्ष की जांच कैसे करें?
एक रुद्राक्ष को सिक्के के पास रखें। यदि रुद्राक्ष असली है, तो यह सिक्के की ओर आकर्षित नहीं होगा क्योंकि असली रुद्राक्ष में चुंबकीय गुण नहीं होते। नकली रुद्राक्ष, जिसमें धातु का उपयोग किया गया हो, चुंबकीय प्रभाव दिखा सकता है।
रुद्राक्ष की शुद्धता जांचने के अन्य तरीके
रुद्राक्ष को एक गिलास पानी में डालें। असली रुद्राक्ष भारी होता है और पानी में डूब जाएगा, जबकि नकली हल्का होता है और तैर सकता है। असली रुद्राक्ष पर प्राकृतिक रेखाएं होती हैं जो उसके मुख (facets) की संख्या दिखाती हैं। नकली रुद्राक्ष में ये रेखाएं कृत्रिम रूप से बनाई जा सकती हैं।
पवित्रता की जांच
रुद्राक्ष के मुख सही संख्या में और समान दूरी पर होने चाहिए। यदि रुद्राक्ष के मुख में कोई दरार हो, तो यह शुद्ध नहीं माना जाता। रुद्राक्ष को अपने हाथ में लेकर मरोड़ें। असली रुद्राक्ष से लकड़ी जैसी ध्वनि आती है, जबकि नकली रुद्राक्ष से प्लास्टिक या रबर जैसी आवाज आ सकती है।
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रुद्राक्ष धारण करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- प्रमाणित विक्रेता से रुद्राक्ष खरीदें।
- रुद्राक्ष धारण करने से पहले महामृत्युंजय मंत्र या "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
- इसे सोमवार के दिन, शिव पूजा के बाद धारण करना शुभ माना जाता है।
- रुद्राक्ष को गंगाजल या शुद्ध पानी से धोकर ही पहनें।
महादेव की कृपा के लिए रुद्राक्ष का महत्व
रुद्राक्ष शिव का स्वरूप माना जाता है और इसे धारण करने से मन को शांति, स्वास्थ्य लाभ, और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। शुद्ध रुद्राक्ष ही इन लाभों को प्रदान करता है, इसलिए इसकी जांच करना आवश्यक है।