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बुरी नजर से बचाता है बप्पा का स्वरूप स्वास्तिक, जानिए कैसे?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 07 Oct, 2020 04:35 PM
बुरी नजर से बचाता है बप्पा का स्वरूप स्वास्तिक, जानिए कैसे?

नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए लोग घर के मुख्य द्वार पर स्‍वास्तिक का चिह्न बनाते हैं। हिंदू धर्म में स्वास्तिक को शुभ और मंगल भावों का प्रतीक माना जाता है। यह 'सु' और 'अस्ति' से मिलकर बना स्वास्तिक का अर्थ 'शुभ हो', 'कल्याण हो' होता है। मगर, क्या आप जानते हैं कि स्‍वास्तिक का बप्पा से भी गहरा नाता है। चलिए आपको बताते हैं कि भगवान गणेश से कैसे संबंध रखता है स्वास्तिक और इससे वास्तुदोष कैसे होंगे दूर...

स्‍वास्तिक का बप्‍पा से ऐसा है संबंध

शास्त्रों व वेदों में स्‍वास्तिक श्रीगणेश का भी साकार रूप माना जाता है। स्‍वास्तिक का बायां हिस्सा 'गं' बीजमंत्र होता है, जिसे बप्पा का स्थान कहा जाता है। इसमें पाई जाने वाली 4 बिंदियां गौरी, पृथ्वी, कूर्म (कछुआ) और अनन्त देवताओं का वास स्वरूप होती हैं। कहा जाता है कि स्‍वास्तिक वाले स्थान पर हमेशा शुभ, मंगल और कल्याण होता है क्योंकि वहां भगवान गणेश वास करते हैं।

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किस दिशा में बनाया जाता है स्वास्तिक

वास्तु के अनुसार, घर की ईशान या उत्तर दिशा में बना स्वास्तिक शुभ-फलदाई होता है। इसके अलावा गलती से भी बाथरूम, वॉशरूम या गंदी जगहों पर स्वास्तिक ना बनाएं क्योंकि यह बुद्धि का नाश, तनाव, बीमारी, दर‍िद्रता, कलह-कलेश का कारण बनता है।

स्वास्तिक बनाने का सही तरीका

इसके लिए सबसे पहले धन यानि प्लस का चिन्ह बनाएं और फिर ऊपर की दिशा, ऊपर के कोने से स्वास्तिक की भुजाओं को बनाने की शुरुआत करें। इसके बाद स्वास्तिक के बीच की जगह में चार बिंदी लगा दें।

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हर रंग के स्वास्तिक का अपना महत्व

ज्यादातर लोगों को लगता है कि लाल रंग या सिंदूर से बना स्वास्तिक ही घर के लिए शुभ होता जबकि ऐसा नहीं है। पीले और काले रंग का स्वास्तिक भी वास्तु नजरिए से शुभ होता है।

1. लाल रंग या सिंदूर का स्वास्तिक शुभ कामों के लिए बनाया जाता है, ताकि बीच में आने वाली अड़चन दूर हो जाए। वहीं मुख्य गेट पर बना लाल स्वास्तिक नेगेटिव एनर्जी को घर में नहीं घुसने देता।
2. पीले रंग का स्वास्तिक परिवार में सुख-शांति व समृद्धि के साथ सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है। आप इसे घर के मंदिर में बना सकते हैं।
3. काले रंग का स्वास्तिक बुरे नजर से बचने के लिए बनाया जाता है। वहीं ऑफिस के बाहर काले रंग का स्वास्तिक बनाने से कारोबार में तरक्की मिलती है। इसके लिए आप कोयले या काले रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. तर्जनी उंगुली पर लाल रंग से स्वास्तिक सोएं। इससे ना सिर्फ नींद अच्छी आएगी बल्कि आपके बुरे सपनें की समस्या भी दूर होगी।
5. केसर, सिंदूर, रोली, कुमकुम से स्वास्तिक बनाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर में हमेशा खुशियों का वास होता है।
6. ऑफिस के मुख्य द्वार या उत्तर दिशा में हल्दी का स्वास्तिक बनाएं। इससे बिजनेस आ रही रुकावटें दूर होंगी।
7. मुख्य द्वार के दोनों तरफ अष्टधातु या तांबे का स्वस्तिक लगाने से घर में मौजूद नकारात्मक शक्तियां खत्म होती हैं।

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