देशभर में नवरात्रों का त्योहार पूरी आस्था व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इन नवरात्रों में लोग देवी मां की कृपा पाने के लिए पूजा- पाठ करते हैं। बहुत से लोग इन पावन दिनों में देवी मां के दर्शनों के लिए भी जाते हैं। वाराणसी में गंगा तट पर स्थित काशी पुरानी नगरी में मां दुर्गा का एक पुरातन मंदिर है। नवरात्रि के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। हालांकि कोरोना महामारी के चलते इस बार मां दुर्गा के मंदिर में शायद उतनी भीड़ न हो लेकिन अगर वाराणसी जाने का सोचें तो दुर्गाकुंड जरूर जाएं।
इस मंदिर में मां दुर्गा के कई स्वरूपों के दर्शन होते हैं। इस मंदिर की खास बात यह है कि इसके मुख्य द्वार को कुछ ऐसा बनाया गया है कि आप सड़क से भी मां दुर्गा के दर्शन कर सकते हैं।
रानी भवानी करवाया था मंदिर का निर्माण
देवी मां की भक्त रानी भवानी ने 18वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर के परिसर में एक कुंड बनाया गया है जिसे गंगा नदी से जोड़ा जाता है। वहीं अगर बात करें इसकी वास्तुकला की तो लाल पत्थरों से इस मंदिर को बनाया गया है। मां दुर्गा के मुख्य चिह्न को भी लाल रंग किया गया है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशीदार पत्थर देखने को मिलेंगे।
मंदिर को लेकर हैं ऐसी मान्यताएं
मां दुर्गा इस मंदिर में यंत्र के रूप में विरामजान है। देवी सरस्वती, लक्ष्मी, काली, और बाबा भैरोनाथ की मूर्तियां मंदिर के प्रांगण में स्थापित की गई है। ऐसी मान्यताएं हैं कि यह मंदिर आदिकाल से है। असुर शुंभ और निशुंभ का वध करने के बाद मां दुर्गा यहां विश्राम करने के लिए ठहरी थीं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मंदिर के दुर्गा कुंड में तंत्र पूजा और हवन भी किया जाता है।
कैसे जाएं मां दुर्गा के मंदिर?
मां दुर्गा के मंदिर जाने के लिए वाराणसी के कैंट स्टेशन से ऑटो आसानी से मिल जाएगा। आप चाहें तो अपने निजी वाहन से भी वहां पहुंच सकते हैं।