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प्रज्ञाननंदा और वैशाली ने रचा इतिहास, बनी ये खिताब जीतने वाली पहली भाई- बहन की जोड़ी

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 30 Dec, 2023 02:44 PM
प्रज्ञाननंदा और वैशाली ने रचा इतिहास, बनी ये खिताब जीतने वाली पहली भाई- बहन की जोड़ी

भारत के लिए ये गर्व का पल है। पिछले दिनों स्पेन के आईवी एल लोब्रेगेट ओपन में चेस स्टार वैशाली रमेशबाबू तीसरी बार ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम कर लिया। इस  प्रतियोगिता में उन्होंने अपने भाई रमेशबाबू प्रागनानंदा के साथ भाग लिया था। दोनों ने तुर्की के एफएफ तामेर तारिक सेलबेस को हारकर 2500 FIDE (International Chess Federation or World Chess Federation) रेटिंग हासिल की और ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम किया। ऐसे करने वाले वो दुनिया में पहली भाई- बहन की जोड़ी बन गई है।

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 टूर्नामेंट  में वैशाली और रमेशबाबू ने दिया शानदार प्रदर्शन

उन्होंने टूर्नामेंट की शुरुआत लगातार दो जीत से की थी। वैशाली से पहले कोनेरू हम्पी और हरिका द्रोणावल्ली ने महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम किया था। 

वैशाली ने जताई ग्रैंड मास्टर टाइटल जीतने पर खुशी

वैशाली ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि, 'मैं टाइटल पा के बहुत खुश हूं। ये सिर्फ 2 राउंड थे। मैं टूर्नामेंट पर भी फोक्स कर रही थी। मैंने अखिरकार वो गोल हासिल कर लिया जो मैंने चेस खेलने की शुरुआत में सोचा था। मैं बहुत करीब थी, इसलिए मैं बहुत उत्साहित थी, हालांकि थोड़ा दवाब भी था।' 

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छोटे भाई रमेशबाबू ने भी कर दिखाया कमाल

शतरंज के खेल में वैशाली का सफर उनके छोटे भाई रमेशबाबू प्रागनानंदा के साथ मिला हुआ है। भाई- बहनों ने लगातार चेस में सफलता हासिल की है। दोनों ने ही कई मेडल्स अपने नाम किए हैं, जिनमें ओलंपिक में डबल्स बॉन्ज और एशियन गेम्स में डबल्स सिल्वर भी शामिल है।

पापा ने दिया था वैशाली का खूब साथ

बता दें कि वैशाली को उनके पिता ने शतरंज के खेल से वाखिफ करवाया खा, जो की खुद एक शानदार चेस प्लेयर हैं। महज 5 साल की उम्र से ही वैशाली को चेस की कोचिंग मिलने लगी थी। उन्होंने स्टेट और नेशनल लेवल के कई टूर्नामेंट्स भी जीते। इस तरह से उन्होंने ग्रैंडमास्टर बनने का लंबा सफर तय किया।

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