नारी डेस्क: देश में तेजी से बढ़ रही सांस की बीमारी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को फैलने से रोकने के लिए सर्दी-खांसी से पीड़ित बच्चों और बुजुर्गों को घर पर ही रहने की सलाह दी जा रही है। डॉक्टरों की मानें तो अगर बच्चे को बुखार, सर्दी-खांसी है तो उसे कम से कम 5 से 7 दिन घर पर ही रहना चाहिए, ताकि वह स्कूल में दूसरों को संक्रमण न दे।
अब देश देश में आए इतने मामले
पूर्व एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि रोकथाम सबसे जरूरी है। उन्हाेंने कहा- संक्रमण से दूसरों को बचाने के लिए बच्चों को स्कूल न भेजें, क्योंकि इससे बुजुर्गों में भी संक्रमण फैल सकता है। अब तक एचएमपीवी के सात मामले सामने आए हैं - कर्नाटक (2), गुजरात (1), और तमिलनाडु (2)। सभी मामले 3 महीने से लेकर 13 साल की उम्र के छोटे बच्चों में पाए गए। गुलेरिया ने नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क के इस्तेमाल जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन करने का आग्रह किया, जो फ्लू जैसी अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से बचा सकते हैं।
इन बातों का सभी रखें ध्यान
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा- " हमने कोविड से जो सबक सीखा है, वह कुछ ऐसा है जिसका पालन सभी को करना चाहिए, खासकर इस समय के दौरान, क्योंकि यह आपको न केवल एचएमपीवी से बल्कि कोविड या अन्य इन्फ्लूएंजा से संबंधित वायरस से भी बचाएगा। उन्होंने कहा- "कोविड के दौरान उचित व्यवहार जैसे कि मास्क पहनना, नियमित रूप से हाथ धोना, खांसी के दौरान मुंह ढकना जैसे शिष्टाचार अपनाएं। अगर आपके पास टिश्यू या रूमाल नहीं है तो अपनी खांसी/छींक को अपनी बांह या कोहनी पर ढक लें ताकि आप संक्रमण न फैलाएं, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।"
क्या है एचएमपीवी (hMPV) वायरस
एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) एक श्वसन संबंधी वायरस है जो विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। यह वायरस रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) और इन्फ्लूएंजा की तरह ही फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। छोटे बच्चों, विशेषकर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इसका संक्रमण अधिक होता है। बच्चों में यह ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों की छोटी वायुमार्ग की सूजन) या निमोनिया का कारण बन सकता है। एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहली बार 2001 में पहचान की गई थी और यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैल रहा है। यह सांस के जरिए हवा के जरिए फैलता है।
एचएमपीवी के लक्षण (hMPV Symptoms)
एचएमपीवी के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं और आमतौर पर सर्दी या फ्लू जैसे लक्षणों से मिलते-जुलते हैं। इनमें शामिल हैं:
सामान्य लक्षण
- बुखार
- नाक बहना या बंद होना
- गले में खराश
- खांसी
- सिरदर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- घरघराहट (Wheezing)
- ब्रोंकाइटिस या निमोनिया
- फेफड़ों में संक्रमण
एचएमपीवी से बचाव के उपाय
- हाथ धोना और स्वच्छता का पालन करना महत्वपूर्ण है।
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें।
- अगर किसी को श्वसन संक्रमण है, तो उससे दूरी बनाए रखें।
- पौष्टिक आहार लें, नियमित व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें।
- हालांकि एचएमपीवी के लिए विशेष वैक्सीन नहीं है, लेकिन फ्लू और निमोनिया के लिए टीकाकरण संक्रमण के जोखिम को कम कर सकता है।