40 से 50 साल की उम्र में महिलाएं मेनोनपॉज का शिकार होने लगती हैं। इस दौरान उनके शरीर में भी कई तरह के लक्षण नजर आते हैं जैसे चिड़चिड़ापन, तनाव, रात में पसीना आना, वजन का बढ़ना, अनियमित पीरियड्स और स्किन का डल होना आदि। बढ़ते मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए महिलाएं कई सारी दवाईयों का भी सहारा लेती हैं। महिलाओं में मेनोपॉज से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 18 अक्टूबर को विश्व मेनोपॉज दिवस मनाया जाता है। ऐसे में इस मौके पर आपको बताते हैं कि इसके बढ़ते लक्षणों को आप कैसे नियंत्रित कर सकते हैं। आइए जानते हैं....
वजाइनल हेल्थ का रखें ध्यान
मेनोपॉज के समय में ज्यादा महिलाओं को वजाइना में ड्राईनेस की समस्या होने लगती है। इसके कारण महिलाएं काफी परेशान भी रहने लगती है। इससे राहत पाने के लिए आप मॉइश्चराइजर इस्तेमाल कर सकती हैं। यदि आपकी स्किन सेंसिटिव है तो ग्लिसरीन भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके अलावा मेनोपॉज के बाद वजाइन की साफ-सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखें।
अच्छी डाइट लें
इसके लक्षणों को कम करने के लिए आप हेल्दी डाइट का सेवन करें। इससे आपके शरीर में होने वाली कमजोरी दूर होगी। फल, सब्जियां, साबुत अनाज आप अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। इसके अलावा कैल्शियम, विटामिन-डी युक्त आहार लेने के लिए डॉक्टर से बात करें।
नियमित एक्सरसाइज
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरुरी है। नियमित एक्सरसाइज के जरिए कई तरह की बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। दिल संबंधी बीमारियों, डायबिटीज और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं के लिए भी एक्सरसाइज बेहद जरुरी है।
नींद
इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद भी बहुत जरुरी है। अच्छी नींद के लिए मेनोपॉड के बाद कैफीन और शराब से परहेज करें। इन चीजों का सेवन करने से नींद पर्याप्त मात्रा में नहीं आती। कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरुर लें।
गर्म चीजों से करें परहेज
मेनोपॉज के बढ़ते लक्षणों को कम करने के लिए आप गर्म चीजों से परहेज करें। यह मेनोपॉज के लक्षण बढ़ा सकती हैं। कैफीन, मसालेदार भोजन, शराब, तनाव, गर्म मौसम से बचने की कोशिश करें। इसके अलावा गर्मी में भी कमरे का तापमान सामान्य ही रखें।
धूम्रपान
धूम्रपान करने से शरीर के अलावा मेनोपॉज की समस्या का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे में यदि आप मेनोपॉज से राहत पाना चाहते हैं तो धूम्रपान का सेवन बिल्कुल भी न करें। इससे सिर्फ मेनोपॉज ही नहीं बल्कि हृदय रोग, स्ट्रोक, ऑस्टियोपोरोसिस और कैंसर का खतरा भी बढ़ता है।
डाइट में शामिल करें ऐसे पदार्थ
इसके लक्षणों को कम करने के लिए आप डाइट में फाइटोएस्ट्रोजन युक्त पदार्थ शामिल कर सकते हैं। इसका सेवन करने से हार्मोनल अंसुतलन की समस्या से राहत मिलती है। टोफू, अलसी के बीज, बीन्स, तिल के बीज आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।