बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए मां का दूध सबसे ज्यादा जरूरी है। 6 महीने तक केवल मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार है, इससे शिशु के शरीर में एंटीबॉडीज का निर्माण होता है ऐसे में वह एलर्जी, अस्थमा व अन्य संक्रमित रोगों से सुरक्षित रहता है। हालांकि हर मां अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पाती है, क्योंकि कुछ महिलाओं के स्तनों में शिशु के लिए पर्याप्त दूध नहीं बन पाता है। इसी को देखते हुए दुनिया भर में 'ह्यूमन मिल्क बैंक' खोले जा रहे हैं।
फ्रीजर में स्टोर करती है दूध
'ह्यूमन मिल्क बैंक' में कई महिलाएं अपना दूध दान करती है, तीन बच्चों की मां एलिज़ाबेथ एंडरसन-सिएरा भी इनमें से एक है। एंडरसन को एक दुर्लभ बीमारी सिंड्रोम है, जिसके कारण वह प्रति दिन 200 औंस स्तन के दूध का उत्पादन करती है, कुल 1.5 गैलन। यह औसत मां से 10 गुना अधिक है। सिएरा ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक की तुलना में अधिक स्तन का दूध दान किया है - 350,000 औंस से अधिक। वह स्तन के दूध को स्टोर करने के लिए अपने घर पर पांच फ्रीजर का उपयोग करती हैं।
हर दिन निकलता है भारी मात्रा में दूध
एलिज़ाबेथ बताती हैं कि जब वह 13 सप्ताह की गर्भवती थी तब उसे हाइपरलैक्टेशन सिंड्रोम का पता चला था। मैं उस दौरान एक दिन में 20 औंस स्तन के दूध का उत्पादन कर रही थी। आठ साल बाद यह संख्या दस गुना बढ़ गई है। मेरे तीन बच्चे हैं और स्तन के दूध का उत्पादन कभी धीमा या बंद नहीं हुआ है। मैं अब हर दिन लगभग 200 औंस पंप करती हूं। जब मैंने दूध की मात्रा के बारे में डॉक्टर को बताया तो वह भी काफी हैरान थी"।
पम्पिंग करने में अब नहीं आती दिक्कत
वह बताती हैं पहली बार पंप करने में उन्हें काफी दिक्कत आई थी लेकिन अब वह चलते-फिरते पंप कर लेती हैं। एलिज़ाबेथ ने बताया कि- "लोग मुझ पर हंसते हैं जब मैं उन्हें उन चीजों के बारे में बताती हूं जो मैंने पम्पिंग के दौरान की हैं। मैंने डिज्नी वर्ल्ड से अपने परिवार के साथ ममफोर्ड एंड संस कॉन्सर्ट में हर जगह पंप किया है"।
ब्लड बैंक जितने ही जरूरी है मिल्क बैंक
वहीं जन्म के फौरन बाद मां का दूध नहीं मिल पाने के कारण डायरिया, निमोनिया और कुपोषण आदि अनेक कारणों से हर साल हजारों बच्चों की मृत्यु हो जाती है। मां का दूध शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास को सही गति देता है। मां का दूध शिशु का प्रथम टीकाकरण भी है। मां के दूध पर पोषित होने वाले शिशु बहुत कम बीमार पड़ते हैं। 2020 में यह अनुमान लगाया गया था कि 66 देशों में 756 'मदर्स मिल्क बैंक' खुल चुके हैं अभी और खुलने की संभावना है।
क्या है हाइपर लैक्टेशन
कुछ मामलों में प्रोलैक्टीन का स्तर ज्यादा हो जाता है इसे हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया कहा जाता है। इसे ब्रेस्ट लीकेज, फास्ट लेटडाउन, हाइपरलैक्टेशन, इनगार्जमेंट या ओवर सप्लाई ऑफ मिल्क जैसे नामों से जाना जाता है। कुछ मामलों में प्रोलैक्टीन का स्तर सामान्य रहने के बावजूद ज्यादा ब्रेस्ट मिल्क बनता है। यह समस्या लगभग 20 % महिलाओं में देखने को मिलता है। हालांकि, यह समस्या कई बार मेनोपॉज के बाद भी हो जाती है।
हाइपरलैक्टेशन के संकेत
1. स्तन वृद्धि
2. अनियमित पीरियड्स
3. मुंहासे
4. असामान्य बाल विकास
5. दृष्टि में समस्या
6. गंभीर सिरदर्द
7. घबराहट