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अजब-गजब : इन देशों में न करें जाने की भूल,यहां लोग कर लेते हैं आत्महत्या

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 10 Sep, 2023 10:44 AM
अजब-गजब : इन देशों में न करें जाने की भूल,यहां लोग कर लेते हैं आत्महत्या

आजकल की बदलतूी लाइफस्टाइल और जीवन की तमाम जद्दोजहद  से इंसान को कई सारी परेशानियों से घेर कर रखा हुआ है। फिर चाहे वो आर्थिक तंगी हो या फिर जीवन की गम। इन सब के चलते पूरी दुनिया में आत्महत्याओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। कई लोग जीवन की जद्दोजहद से परेशान होकर, उसके आगे घुटने टेक देते हैं। डिप्रेशन का शिकार होकर वो खुद की जिंदगी खत्म कर लेते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जहां पर लोग सबसे ज्यादा आत्महत्या करते हैं। दुनिया में लगभग 8 से 10 लाख लोग हर साल आत्महत्या करते हैं.....

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इन 10 देशों में सबसे ज्यादा लोग करते हैं आत्महत्या    

2019 में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि दुनिया भर में ऐसे 10 देश हैं, जहां आत्महत्या का दर सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि विश्व में 10 ऐसे देश हैं, जहां हर रोज आत्महत्या करने वालों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में एक लाख हर मिनट आत्महत्या होती है। इस लिस्ट में पहली नंबर पर लिसोथो को रखा गया है। यहां सुसाइड रेट 72.4 है। दूसरे नंबर पर गुयाना को रखा गया है, जहां आत्महत्या दर 40.3 प्रतिशत है। वहीं इस लिस्ट में तीसरे नंबर  पर इस्वातिनी को रखा गया है और दक्षिण कोरिया को इस लिस्ट में चौथे नंबर  पर रखा गया है, जहां आत्महत्या दर 29.4 प्रतिशित है। किरिबाती को इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर रखा गया है। यहां आत्महत्या दर 28.3 है। माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य को छठवें नंबर पर है और लिथुआनिया को सातवें नंबर रखा गया है। यहां आत्महत्या दर 28.2 जबकि लिथुआनिया में 26.1 दर्ज किया गया है। सूरीनाम में 25.4 है जो कि आठवें नंबर पर है, रूस को नौवें नंबर पर रखा गया है। यहां सुसाइड रेट 25.1 है और दसवें नंबर पर दक्षिण अफ्रीका है, जहां सुसाइड रेट 23.5 है।

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क्यों बढ़ गई हैं आत्महत्या 

ईत्महत्या के दर में बढ़ोतरी की वजह कहीं न कहीं कोरोना भी है। इसके चलते कई लोगों की नौकरियां गई हैं, आर्थिक तंगी आई है, जिसके चलते लोगों की जीवनशैली में बदलाव आया है और बीमारी ने कहीं न कहीं लोगों को बहुत डर भी दिया है। इसके चलते लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। जिन लोगों को इससे निकलने का रास्ता नहीं मिला रहा है वो आत्महत्या कर रहे हैं। 

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