22 NOVFRIDAY2024 2:32:15 PM
Nari

इस बार शिमला में इंजॉय करें White Christmas, विदेशों से भी बेहतर होता है यहां का नजारा

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 08 Dec, 2022 02:31 PM
इस बार शिमला में इंजॉय करें White Christmas, विदेशों से भी बेहतर होता है यहां का नजारा

हिमाचल प्रदेश की राजधानी और पहाड़ों की रानी शिमला में क्रिसमस को लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं। कोरोना काल के बाद इस बार शिमला में बड़े धूम-धाम से पहली बार क्रिसमस मनाया जाएगा। वहीं लोगों इस बार शिमला में व्हाइट क्रिसमस की उम्मीद है। पहाड़ों में इस बार नवबंर महीने में ही बर्फबारी का दौर शुरु हो गया है, ऐसे में इस बार व्हाइट क्रिसमस की आस जगी है। इस साल काफी तादाद में लोग ये बर्फवारी में क्रिसमस का आनंद लेने पहुंचेगे। 

PunjabKesari

शिमला के चर्च के कॉल बेल की कराई मरम्मत

वहीं शिमला के ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च को क्रिसमस के लिए सजाया जा रहा है। साथ ही इंग्लैंड से लाई गई बेल की मरम्मत का काम भी पूरा हो चुका है। आपको बता दें कि क्रिएस्ट चर्च को जहां शिमला का माइल स्टोन माना जाता है, तो वहीं यहां पर प्रार्थना के लिए 150 साल पहले इंग्लैंड से लाई कॉल बेल का भी अपना महत्व है। इसे प्रार्थना से पहले बजाया जाता है।

PunjabKesari

आपको बता दें कि ये बेल कोई साधारण घंटी नहीं है बल्कि मैटल से बने पाइप के हिस्से हैं। इन पाइप पर संगीत के सात सुर की ध्वनि आती है। इन पाइप पर हथौड़े से आवाज होती है, जिसे रस्सी खींचकर बजाया जाता है। यह रस्सी मशीन से नहीं, बल्कि हाथ से खींचकर बजाई जाती है। हर साल रविवार सुबह 11 बजे होने वाली प्रार्थन से पांच मिनट पहले ये बेल बजाई जाती है। वहीं क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर रात 12 बजे इस बेल को बजाकर जश्न मनाया जाता है।

PunjabKesari

गौरतलब है कि 9 सितंबर 1844 में इस चर्च की नींव कोलकाता के बिशप डेनियल विल्सन ने रखी थी। 1857 में इसका काम पूरा हो गया। स्थापना के 25 साल बाद इंग्लैंड से इस बेल को शिमला लाया गया था। 1982 में यह बेल खराब हो गई थी। जिसे 40 साल बाद अब दोबारा ठीक करवाया गया है।

PunjabKesari

वहीं चर्च के पादरी सोहन लाल का कहना है कि क्रिसमस को लेकर चर्च प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं और साथ ही जश्न के दौरान सुरक्षा व्यवस्ठा के प्रबंध के लिए पत्र भी लिखा गया है। 

Related News