बात चाहे इंजीनियरिंग, डॉक्टरी या खेतीबाड़ी की, महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपना नाम कमा रही है। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जो अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से खेती करके लाखों रुपए कमा रही है। हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र, नासिक में निफाड तालुका की रहने वाली 46 साल संगीता बोरासते की जिनका नाम आज अंगूर की सफल महिला किसान के रूप में जाना जाता है। हालांकि उन्होंने यह मुकाम एक दिन में हासिल नहीं किया बल्कि इसके लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा...
कभी था 30 लाख का कर्ज
संगीता आज अंगूर की खेती करने वाली सफल महिला किसान में से एक है लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उनपर 30 लाख रुपए का कर्ज था। दरअसल, महज 15 साल की उम्र में संगीता की शादी अरुण से हुई, जोकि बैंक में काम करते थे। उसी बीच घरेलू विवाद के कारण बंटवारा हुआ और संगीत व अरुण के हिस्से 10 एकड़ जमीन आई। तब अरुण ने बैंक की नौकरी छोड़कर खेती करने का फैसला किया लेकिन चूंकि उन्हें खेती की जानकारी नहीं थी इसलिए उनके सिर कर्ज हो गया। कर्ज चुकाने के लिए उन्हें ढाई एकड़ जमीन बेचनी पड़ी।
पति की मौत के बाद सीखे खेतीबाड़ी के गुर
इसके बाद संगीता व उनके पति ने काफी संघर्ष करके खेती के गुर सीखे और 2014 में उनकी फसल काफी अच्छी हुई, जिससे उन्हें आशा की किरण मिली। मगर, हार्वेस्टिंग से कुछ दिन पहले ही संगीता के पति गुजर गए और उनके कंधों पर 3 बेटियां, 1 बेटे और 30 लाख रुपए का कर्ज छोड़ गए। तब संगीता को खेतीबाड़ी की नॉलेज नहीं थी लेकिन इस स्थिति में वह मजदूर भी नहीं रख सकती थी। एक वक्त तक वह अपने रिश्तेदारों पर निर्भर रहीं लेकिन फिर उन्होंने सभी चीजें अपने हाथ में ले ली।
रात-रातभर करती थी खेतों में काम
संगीता बताती हैं कि दीपावली की एक रात देर तक काम कर रही थीं क्योंकि खेत में ट्रैक्टर फंस गया था। मगर, खराब मौसम, तूफान और बेमौसम बरसात जैसी मुश्किलों का भी उन्होंने हिम्मत से सामना किया। अंगूर की बेल मौसम के प्रति काफी सेंसटिव होती है इसलिए कई बार वह रात-रात तक बॉनफायर लगाकर बैठती थी, ताकि खेतों को गर्म रख सकें। मगर, कहते हैं कि मेहनत करने वालों को कभी ना कभी मंजिल मिल ही जाती है। तभी सह्याद्री फार्म्स उनकी मदद के लिए आगे आए और अंगूरों की उपज को बाजारों तक पहुंचाने में उनकी मदद की।
आज सालभर में 15 लाख रुपए होती है कमाई
धीरे-धीरे संगीता ने अपनी कर्ज चुका दिया आज वह सालभर में 40 लाख रुपए की कमाई करतीं हैं, जिसमें से उन्हें 15 लाख प्रॉफिट होता है। संगीता को भारत में उनकी खेती के अच्छे खासे दाम मिल जाते हैं। वहीं, उपज का 50% भाग वह विदेशों में एक्सपोर्ट करती हैं। वह अपने अंगूरों की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर देती है, ताकि एक्सपोर्ट में कोई दिक्कत ना हो। उनकी ज्यादातर कमाई खेतों की देख-रेख में ही खर्च हो जाती है।
लॉकडाउन में हुआ नुकसान लेकिन...
लॉकडाउन के दौरान उनकी उपज विदेशों में एक्सपोर्ट नहीं हो पाई, जिसकी वजह से उन्हें करीब 35 लाख रुपए का नुकसान हुआ लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि अंगूरों की प्रोसेसिंग करके किशमिश बनाकर बेच डाली। संगीता ने अपनी 2 बेटियों की शादी कर चुकी हैं और तीसरी बेटी की शादी की तैयारी में है। उनका कहना है कि जिंदगी से मैंने यही सीखा कि हौसला कभी मत छोड़ो। मेरी जगह अगर कोई और होता तो वो हार मान जाता लेकिन मुझे सफल होना था इसलिए मैंने हिम्मत और आत्मविश्वास रखा और हर किसान को यह याद रखना चाहिए।