कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में आतंक मचा रखा हैं, जिसके चलते मास्क पहनना लोगों की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गया है। हालांकि भारत में कुछ लोग इसे फैशन या पुलिस के डर से पहन रहे हैं। भई, सरकार ने तो लोगों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया था लेकिन लोगों ने इसे मजाक में लेना शुरू कर दिया है। कोरोना वायरस से बचने के लिए वैज्ञानिक एन95, सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दे रहें है लेकिन ज्यादातर भारतीय घर का बना मास्क ही यूज कर रहे हैं। कुछ लोगों तो एक ही मास्क को बार-बार धोकर यूज कर रहे हैं , जोकि बिल्कुल गलत है।
कब तक प्रोटेक्ट करता है रियूजेबल मास्क?
एक अच्छी क्वालिटी का मास्क कोरोना वायरस से 70% बचाव करता है लेकिन रियूजेबल मास्क जोखिम भरा होता है। हालांकि एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्जिकल मास्क का भी दोबारा यूज नहीं करना चाहिए क्योंकि फैब्रिक और बनावट के अधार पर यह वायरस से बचाव करने में नाकाम होता है। वहीं, बार-बार एक ही यूज करने से इसकी शेप बिगड़ जाती है और इसकी झीनी भी कम असरदार हो जाती है। रिसर्च के मुताबिक, बार-बार यूज किए जाने वाले मास्क 60% ही सुरक्षा देते हैं जबकि नए और फ्रेश मास्क अधिक सेफ्टी देते हैं।
देख-परख कर खरीदें मास्क का फैब्रिक
रियूजेबल या सर्जिकल मास्क लेने से पहले उसके फैब्रिक की अच्छी तरह जांच कर लें। मास्क का फैब्रिक ऐसा होना चाहिए जो बार-बार धोने पर भी जल्दी खराब ना हो। इसी तरह ट्रेंडी और फैशनेबल मास्क खरीदते समय भी फैब्रिक की देख-परख कर लें। एक्सपर्ट के मुताबिक, फैशनेबल मास्क थ्रेडवर्क, सिक्विन्स से बने होते हैं जो कोरोना से नहीं बचाते।
होममेड मास्क कितने सुरक्षित
विशेषज्ञों के अनुसार, सिंगल लेयर मास्क व घरेलू कपड़ों से बने मास्क भी कोरोना से बचाने में मददगार हैं। ये उन बूंदों को अवरुद्ध करते हैं, जो बोलते, खांसते और छींकते समय रिलीज होती है। रिसर्च के लिए कपड़े, रजाई वाले कपड़े, बेडशीट और डिशक्लोथ मेटेरियल का यूज किया गया, जिसमें सामने आया कि ये सभी मटेरियल ड्रॉपलेट्स को रोकने में कारगार हो सकते हैं। लेकिन इन्हें भी बार-बार इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
रियूजेबल मास्क की भी एक्सपायरी डेट
डिस्पोजेबल मास्क का उपयोग कभी भी लंबे समय तक नहीं करना चाहिए, यहां तक कि रियूजेबल मास्क की भी एक्सपायरी डेट होती है। इसे बदलने की जरूरत है या नया मास्क खरीदने के बाद इसे फेंक देना चाहिए। ये कुछ बातों पर निर्भर करता है। जैसे- इन्हें कितनी बार धोया गया, इनका कितनी बार उपयोग किया गया और सबसे महत्वपूर्ण बात, आप कोविड-19 संक्रमण के संपर्क में किस हद तक आते हैं।
कब और किन लोगों को मास्क बदलने की जरूरत
. मेडिकल कम्युनिटी, अक्सर यात्रा करने वाले, वर्किंग और नियमित एक-दूसरे से मिलने-जुलने वाले लोगों को मास्क लगातार बदलना चाहिए।
. हमेशा अपने साथ एक्स्ट्रा मास्क रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर उसे यूज कर सकें।
. एक स्नूगली फिटेड मास्क सबसे बेहतरीन है क्योंकि इसे पहनने के बाद कोई गैप नहीं रहता और न ही ज्यादा एडजस्ट की जरूरत होती है।
. ध्यान रखें कि मास्क के बैंड और इलास्टिक ढीले ना हो। इससे पता चलता है कि मास्क का फैब्रिक अच्छी क्वालिटी का नहीं है।
. बार-बार धोने के बाद मास्क का फैब्रिक झरझरा, हल्का और पतला हो जाए तो उसे यूज ना करें।
याद रखें, एक अच्छी क्वालिटी का मास्क ही आपको कोरोना से बचाने में मदद कर सकता है इसलिए अपनी सेहत को लेकर सतर्क हो जाए। दुनियाभर में कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में सावधानी बरतना और भी जरूरी है।