भारत की बेटियां हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। वहीं खेल में भी वो पीछे नहीं है। जब बैडमिंटन कि बात हो तो इसमें पीवी सिंधु का नाम आता है जो सिर्फ 27 साल की उम्र में देश को 2 ओलंपिक मेडल जीता चुकी हैं। वो यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। तो चलिए आज हम आपको पीवी सिंधु की इंस्पायरिंग कहानी बताते हैं कि कैसे तय किया उन्होनें एक सफल बैडमिंटन खिलाड़ी बनने तक का सफर।
पीवी सिंधु बचपन से ही जुड़ी थी खेल-कूद से
पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई, 1995 में आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुआ था। पीवी सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है। सिंधु के पैरेंट्स दोनों ही नेशनल लेवल के वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। पीवी सिंधु के पापा का नाम पीवी रमना है, जिन्होंने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था। सिंधु का मां पी विजया भी प्रोफेशनल वाॅलीबाॅल प्लेयर थीं। यही वजह है कि बचपन से ही खेल से सिंधु का जुड़ाव रहा। उन्होनें अपनी एमबीए कि पढ़ाई सेंट एंस कॉलेज फॉर वुमेन, मेह्दीपटनम से पूरी की।
पीवी सिंधु का करियर
सिंधु ने बैडमिंटन की ट्रेनिंग सिकंदराबाद में इंडियन रेल्वे इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन में मेहबूब अली की देखरेख में शुरू की। बाद में पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी में दाखिला लिया। सिंधु ने अखिल भारतीय रैंकिंग चैम्पियनशिप और सब-जूनियर नेशनल जैसे जूनियर बैडमिंटन खिताब जीते। इसके बाद वह अंतरराष्ट्रीय लेवल की खिलाड़ी बन गईं। साल 2009 में सिंधु ने सब-जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। वहीं एक साल बाद ईरान में अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैलेंज में एकल रजत जीता। ये पीवी सिंधु की लगन और मेहनत का नतीजा ही था कि साल 2012 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में उन्होंने एक बार फिर जीत हासिल की। जिस मंच पर एक साल पहले सिंधु ने कांस्य पदक जीता था, वहीं अब उन्होंने अपना पहला स्वर्ण हासिल किया था।
बीपीसीएल में उप खेल प्रबंधक के तौर पर करती है नौकरी
सिंधु भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के हैदराबाद कार्यालय में सहायक खेल प्रबंधक के रूप में साल 2013 जुलाई से कार्यरत थीं। रियो ओलंपिक में पदक हासिल करने के बाद बीपीसीएल ने उप खेल प्रबंधक के तौर पर उनका प्रमोशन किया।
पीवी सिंधु की उपलब्धि
साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने रजत पदक जीता था। इस बार टोक्यो ओलंपिक 2020 में सिंधु ने कांस्य पदक हासिल किया। इस तरह सिंधु ने लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी का खिताब हासिल कर लिया। सिंधु 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में भारत की ध्वजवाहक रह चुकी हैं।