नारी डेस्क: चाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और लगभग हर घर में रोज चाय बनाई जाती है। चाय का स्वाद बढ़ाने के लिए उसे छानने के लिए हम अक्सर छन्नी का उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाय की छन्नी से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है? यह खतरनाक प्रभाव खासकर उन छन्नियों से हो सकता है जो खराब गुणवत्ता के प्लास्टिक से बनी होती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि चाय की छन्नी से कैंसर का खतरा क्यों हो सकता है, किस प्रकार की छन्नी का उपयोग करना चाहिए, और छन्नी को सुरक्षित तरीके से कैसे साफ किया जा सकता है।
चाय की छन्नी से कैंसर का खतरा
भारत में चाय पीने का चलन बहुत पुराना है और लगभग हर किसी के घर में दिनभर चाय बनाई जाती है। चाय बनाने के बाद उसे छानने के लिए हम सामान्यत: प्लास्टिक, स्टील या सिलिकॉन की छन्नी का उपयोग करते हैं। लेकिन, कई बार लोग चाय छानने के लिए सस्ती और कम गुणवत्ता वाली प्लास्टिक की छन्नी का उपयोग करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है।
अमेरिकी केमिकल सोसाइटी के जर्नल ऑफ एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी में यह सामने आया है कि प्लास्टिक की छन्नी का इस्तेमाल करते समय चाय में माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक के तत्व मिल सकते हैं। ये खतरनाक सूक्ष्म कण चाय में घुलकर शरीर में प्रवेश करते हैं, जो समय के साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
कैसे प्लास्टिक की छन्नी से होता है कैंसर का खतरा
प्लास्टिक की छन्नी की क्वालिटी खराब होने के कारण उसमें कई हानिकारक केमिकल्स और प्लास्टिक तत्व होते हैं। जब गर्म चाय उस छन्नी से गुजरती है, तो छन्नी के प्लास्टिक से यह हानिकारक तत्व पिघलकर चाय में घुल सकते हैं। इन तत्वों के सेवन से शरीर में खतरनाक प्रभाव हो सकते हैं। खासकर प्लास्टिक की छन्नी में गर्म चाय डालने से वह जल्दी पिघलने लगती है, और उसमें से माइक्रोप्लास्टिक तत्व निकलकर चाय में मिल जाते हैं। यदि इस चाय को पी लिया जाए, तो यह सीधे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और शरीर के अंगों में जमा हो सकते हैं, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।
कौन सी छन्नी है सुरक्षित?
प्लास्टिक की छन्नी के मुकाबले स्टेनलेस स्टील, सिल्वर या ब्रास की छन्नी ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। इन छन्नियों का निर्माण उच्च गुणवत्ता वाले धातु से होता है, जो गर्म चाय के संपर्क में आने पर नुकसान नहीं पहुंचाते। इसके अलावा, स्टेनलेस स्टील या ब्रास की छन्नी का इस्तेमाल लंबे समय तक किया जा सकता है और यह स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित रहती है। यदि आप अपनी चाय की छन्नी का सही तरीके से उपयोग करेंगे और उसे नियमित रूप से साफ करेंगे, तो आप किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम से बच सकते हैं।
चाय की छन्नी को सुरक्षित तरीके से साफ करने के टिप्स
चाय की छन्नी की सफाई करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि उसमें बैक्टीरिया और गंदगी जमा न हो और यह लंबे समय तक सुरक्षित रहे। यहां कुछ आसान तरीके दिए जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी छन्नी को साफ और सुरक्षित रख सकते हैं:
गर्म पानी से धोएं: सबसे पहले, छन्नी को गर्म पानी में कुछ मिनटों तक भिगोकर रखें। इसके बाद एक छोटे ब्रश की मदद से उसके छिद्रों को बारीकी से रगड़ें ताकि उसमें जमा गंदगी और चाय के दाग आसानी से निकल जाएं। फिर छन्नी को साफ पानी से धोकर अच्छे से सुखा लें।
बेकिंग सोडा और सिरका का मिश्रण: बेकिंग सोडा और सफेद सिरका का मिश्रण चाय की छन्नी की सफाई के लिए बहुत प्रभावी होता है। एक कप गर्म पानी में 1 चम्मच बेकिंग सोडा और 1-2 चम्मच सफेद सिरका डालकर उसे 15 मिनट के लिए भिगोकर रखें। इसके बाद ब्रश से हल्के से रगड़कर छन्नी को साफ करें। यह मिश्रण छन्नी से चाय के दाग और गंदगी को अच्छे से हटा देगा।
नींबू और नमक से साफ करें: नींबू का रस और नमक का मिश्रण भी छन्नी की सफाई में सहायक होता है। छन्नी पर नींबू का रस लगाकर हल्का नमक छिड़कें और फिर अच्छे से रगड़कर साफ करें। यह मिश्रण छन्नी पर मौजूद कीटाणुओं को भी नष्ट कर देता है।
साफ-सुथरे कपड़े से सुखाएं: छन्नी को धोने के बाद उसे अच्छे से साफ कपड़े से पोंछ लें और फिर उसे हवा में सुखाएं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि छन्नी पूरी तरह से सूखी रहे और उसमें बैक्टीरिया न बढ़ें।
चाय की छन्नी का सही इस्तेमाल और उसकी नियमित सफाई से आप अपनी सेहत को बचा सकते हैं। प्लास्टिक की छन्नी से होने वाले स्वास्थ्य खतरों से बचने के लिए स्टेनलेस स्टील या सिल्वर की छन्नी का उपयोग करें और छन्नी को नियमित रूप से साफ रखें। इस तरह से आप कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से बच सकते हैं और अपनी चाय को सुरक्षित तरीके से इंजॉय कर सकते हैं।