नौ दिनों के शारदीय नवरात्रि के बाद दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लंकापति राजा रावण का दहन किया जाता है। रावण का दहन बच्चे बहुत खुशी से देखते हैं उन्हें यह त्योहार काफी पसंद भी आता है। इस बार यह पर्व कल यानी की 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस त्योहार पर आप बच्चों को कई सारी बातें बता सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि दशहरा के दिन आप बच्चों को क्या-क्या सिखा सकते हैं।
परिवार के साथ मिल जुल कर रहना
दशहरे के दिन आप बच्चों को यह सिख दे सकते हैं कि भगवान राम ने पूरे दिल से वनवास स्वीकार किया। उन्हें वनवास के लिए भेजने वाली मां कैकेयी के प्रति भी अपने दिल में उन्होंने कोई वैर की भावना नहीं रखी। भगवान राम सको साथ लेकर चलते थे और उन्होंने कभी भी परिस्थिति में हार नहीं मानी। हर परिस्थिति का सामना उन्होंने हंसी खुशी किया। बच्चों को आप भगवान राम की जिंदगी की यह शिक्षा देकर उन्हें परिवार के साथ रहना और सबके साथ मिल जुलकर चलने की शिक्षा दे सकते हैं।
बच्चों के लिए बनें उदाहरण
यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता है ऐसे में आप अपने दिल में अच्छाई रखकर खुद बच्चों के लिए उदाहरण बनें। जब आप खुद अच्छाई को महत्व देंगे और बुराई का विरोध करेंगे तो बच्चे भी यही आदत सीखेंगे। रोजमर्रा की गलत बातों का विरोध करके आप बच्चों को बुराई से दूर रहना सिखा सकते हैं। बच्चों को बताएं कि परिस्थिति कैसी भी हो उन्हें अपना विश्वास नहीं टूटने देना है।
दशहरे की कहानी बताएं
बच्चों को आप दशहरे के त्योहार से जुड़ी कहानी जरुर बताएं। बच्चों को रामायण की कहानी सुनाएं और बताएं कि किस तरह इतना संघर्ष करने के बाद भगवान राम ने रावण का वध करके मां सीता को उनके गिरफ्त से आजाद करवाया था। मां सीता की सहानुभूति और भगवान राम के अच्छे विचार बच्चों को जिंदगी का एक अलग संदेश देंगे।
अच्छे बुरे का महत्व सिखाएं
बच्चों को दशहरे के जरिए आप अच्छे बुरा का महत्व बताने की कोशिश करें। हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा जिंदगी में एक अच्छा व्यक्ति बने। ऐसे में आप इस त्योहार के जरिए उन्हें इस बात का महत्व आसानी से समझा सकते हैं। यदि बच्चे दशहरे के त्योहार से सीख ले लें तो वह जिंदगी में बहुत सी बातों को सीख सकते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन से वह कई सारी बातें सि सकते हैं। इसके अलावा दशहरा बच्चों को यह भी सिख देता है कि कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए इसका अंतर बहुत बुरा होता है जैसे रावण का हुआ है।
मित्रता सिखाएं
राम सुग्रीव की दोस्ती के जरिए आप बच्चों की मित्रता का महत्व समझा सकते हैं। भगवान राम ने सुग्रीव की मित्रता करके रावण जैसे अहंकारी राक्षस पर विजय पाई थी। वहीं रावण की बुराई के चलते उसके खुद के भाई ने भी उसे छोड़ दिया था।