शिशु का सिर जन्म के बाद से ही बहुत ही मुलायम होता है।क्योंकि जन्म के बाद सिर की खोपड़ी और हड्डी दोनों ही बहुत मुलायम होती है हालांकि यह धीरे-धीरे सख्त होने लगती है। ऐसे में यदि शिशु की सही से देखभाल न किया जाए तो सिर का आकार चपटा होने लगता है। हालांकि इसके बाद उन्हें कोई परेशानी नहीं होती लेकिन पेरेंट्स उनके चपटे सिर को गोल बनाने के लिए कुछ घरेलू तरीके अपना सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में....
पेट के बल लेटाएं
शिशु के सिर का आकार और अच्छी हेल्थ के लिए उन्हें टमी टाइम की जरुरत होती है। ऐसे में आप शिशु को पेट के बल जरुर लेटाएं। ऐसा करने से उनकी गर्दन और कंधें की मांसपेशियां एक्टिव और मजबूत बनती हैं। इसके अलावा सिर का वजन भी कंट्रोल में रहता है जिससे सिर चपटा होने की संभावना कम रहती है।
ज्यादा देर पालने में न सुलाएं
पालना शिशु के लिए अच्छा हो सकता पर कई बार पालने में रखा बिस्तर सख्त होने के कारण उनके सिर पर दबाव पड़ता है। ऐसे में उन्हें आप ज्यादा देर तक पालने में न ही सुलाएं। शिशु के लिए आप कोमल रुई का बिस्तर बनाएं। इस तरह का बिस्तर उनके लिए अच्छा रहेगा।
सोने की पॉजिशन बदलें
शिशु को एक्सपर्ट्स पीठ के बल सुलाने की सलाह देते हैं लेकिन शिशु के सिर की स्थिति को अलग-अलग करना भी जरुरी है। जब भी आप उन्हें सुलाने के लिए लेटाते हैं तो सिर की दिशा को धीरे-धीरे बदलें। इस तरह उनके सिर के एक ही हिस्से पर दबाव कम पड़ेगा और सिर चपटा भी नहीं होगा।
राई के दानों से बनाएं तकिया
यदि आप चाहते हैं कि शिशु का सिर हमेशा गोल ही रहे तो आप उनके लिए घर में ही राई के दानों से तकिया तैयार कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि यह तकिया शिशु को 6 महीने के बाद ही दें। लंबे समय के लिए इस तकिए पर शिशु को न सुलाएं इससे उन्हें परेशानी हो सकती है।
पकड़ने के तरीके में करें बदलाव
आपने शिशु को किस तरह से पकड़ा है इस बात का असर भी उनके सिर पर पड़ता है। पूरा दिन उन्हें अलग-अलग स्थिति में रखने से सिर का आकार गोल हो सकता है। इसलिए बच्चे को पकड़ने की स्थिति बदलें। इससे उनकी खोपड़ा पर पड़ने वाला दबाव कम होगा और सिर भी चपटा नहीं हो पाएगा।