नारी डेस्क: पैन कार्ड का इस्तेमाल तो सभी करते हैं, खासकर बैंक से जुड़े मामले में पैन कार्ड होना अनिवार्य है। अब भारत सरकार ने पेन कार्ड में एक बड़ा बदलाव किया है, जिसे इसे PAN 2.0 प्रोजेक्ट का नाम दिया गया है। पैन 2.0 परियोजना के तहत क्यूआर कोड आधारित उन्नत प्रणाली लागू होने से नकली कार्ड की पहचान आसान हो जाएगी और करदाता एक से अधिक पैन कार्ड नहीं रख पाएंगे। इसमें और भी कई बदलाव हुए हैं, चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
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अब पैन के जरिए नहीं होंगे फ्रॉड
पैन 2.0 परियोजना का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता' तैयार करना है। पैन आयकर विभाग की तरफ से जारी होने वाली 10 अंक की एक विशिष्ट संख्या है। इसमें अंकों के साथ अंग्रेजी अक्षरों को भी से शामिल किया जाता है. यह संख्या भारतीय करदाताओं को विशिष्ट रूप से जारी की जाती है। केंद्र सरकार ने पैन 2.0 के तहत क्यूआर कोड आधारित प्रणाली लागू की है. पैन जारी करने की मौजूदा प्रणाली को और बेहतर बनाने के मकसद से यह योजना लाई गई है।
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डाइनैमिक सुविधा से लैस होंगे क्यूआर कोड
दरअसल पुराने पैन कार्ड में सुरक्षा की खामियां थी, जिसके चलते फ्रॉड के मामले बढ़ रहे थे। पैन कार्ड से व्यक्ति की पहचान भी चोरी हो रही थी। साथ ही पुराने कार्ड को ऑपरेट करने वाले सॉफ्टवेयर भी 15 से 20 साल पुराने हैं, जिससे कई बार परेशानी होती थी। नई व्यवस्था के तहत जारी होने वाले कार्ड क्यूआर कोड से लैस होंगे जिससे कार्ड पर दर्ज सूचनाओं का सत्यापन डिजिटल माध्यम से किया जा सकेगा। इससे नकली आवेदनों पर लगाम लगाई जा सकेगी और कोई व्यक्ति एक से अधिक कार्ड नहीं रख पाएगा। हालांकि, सीबीडीटी ने यह स्पष्ट किया है कि पैन पर क्यूआर कोड की सुविधा कोई नई बात नहीं है और यह 2017-18 से ही पैन कार्ड पर मौजूद है। लेकिन पैन 2.0 परियोजना में क्यूआर कोड डाइनैमिक सुविधा से लैस होगा जिससे पैन डेटाबेस में मौजूद नवीनतम डेटा भी देखे जा सकेंगे।
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पैन कार्ड बनाने के लिए भरनी होगी इतनी फीस
नए पैन कार्ड में फोटो, हस्ताक्षर, नाम, माता-पिता के नाम और जन्मतिथि की जानकारी शामिल है। बिना क्यूआर कोड वाले पुराने पैन कार्ड रखने वाले करदाताओं के पास क्यूआर कोड से युक्त नए कार्ड के लिए आवेदन करने का विकल्प होगा।'' इसके साथ ही एफएक्यू में स्पष्ट किया गया है कि नई व्यवस्था शुरू होने के बाद भी व्यक्तियों और व्यवसायों के पास मौजूद पैन वैध रहेगा और उन्हें उसे बदलने की कोई जरूरत नहीं होगी। हालांकि, भौतिक पैन कार्ड पाने के लिए आवेदक को 50 रुपये का निर्धारित शुल्क अदा करना होगा। वहीं देश के बाहर आपूर्ति के लिए अलग से डाक शुल्क भी देना होगा। पैन में दर्ज व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा के लिए इन आंकड़ों का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए ‘पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम' अनिवार्य होगा। , अगर आप पुराने कार्ड को ही अपडेट करा रहे हैं तो PAN नंबर वही रहेगा. लेकिन पहली बार पैन कार्ड बनवाने पर पैन 2.0 के साथ नया पैन नंबर मिलेगा.