किसी के बीमार होने पर सबसे पहले डॉक्टर के पास जाया जाता है। असल में, एक डॉक्टर छोटी से लेकर बड़ी बीमारी से बचाने का काम करते हैं। एक डॉक्टर किसी की जिंदगी बचाने के लिए अपनी पूरी जी-जान लगे देता है। शायद इसलिए डॉक्टर को धरती में भगवान के समान दर्जा दिया गया है। वहीं अपनी दुनियाभर में फैले कोरोना से लोगों को बचाने के लिए डॉक्टर्स अपना रात-दिन एक कर रहे हैं। वे कड़ी मेहनत व खुद की जान जोखिम में डालकर मरीजों को सुरक्षित रखने का काम कर रहे हैं। हर साल 1 जुलाई को डॉक्टर्स के सम्मान में 'राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस' मनाया जाता है। चलिए आज हम आपको इस दिन को मनाने का इतिहास व महत्व के बारे में बताते हैं...
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2021 का इतिहास
इस दिन को पहली का 1991 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बीसी रॉय को सम्मान देना है। असल में, वे एक महान डॉक्टर तो थे ही साथ ही उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया था। इसके साथ ही वे पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1882 में हुआ था और 1962 में इसी दिन को उन्होंने आखिरी सांस ली थी। ऐसे में उनकी जन्मदिन और पुण्यतिथि दोनों एक ही दिन होने पर उनके सम्मान के तौर पर 1 जुलाई को हर साल 'डॉकर्ट्स डे' के नाम से मनाया जाने लगा।
डॉक्टर बी सी रॉय को भारत रत्न के सम्मानित किया गया था
डॉक्टर बी सी रॉय ने जादवपुर टीबी जैसे चिकित्सा संस्थानों की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। डॉ. बिधान चंद्र रॉय को भारत के उपमहाद्वीप में पहले चिकित्सा सलाहकार भी माना गया है। कहा जाता है कि वे ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द्वारा कई क्षेत्रों में अपने समकालीनों से आगे निकल कर आए थे। डॉ बिधानचंद्र राय अपनी कमाई दान में दे देते थे। जब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। तब उन्होंने घायल व पीड़ितों की बिना किसी स्वार्थ के सेवा की थी।
2021 में इस दिन को मनाने का महत्व
इस दिन को मनाने का महत्व डॉक्टरों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना है। असल में, यह दिन उनके कार्यों और दायित्वों को पहचानने के साथ उनके काम के प्रति उत्साहित करना है। वहीं पिछले साल से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के कारण सभी डॉक्टर्स ने अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस दौरान डॉक्टर्स सप्ताह में 24 घंटे काम करके मरीजों की सुरक्षा कर रहे हैं। वे खुद अपनी जान को जोखिम में डालकर मरीजों की जान बचाने में जुटे हुए है। वहीं दुनियाभर के कई डॉक्टर्स मरीजों की जान बचाते हुए खुद मौत का शिकार हो गए है। ऐसे में इस मुश्किल घड़ी में हम सब को भी डॉक्ट्स समुदाय को मान-सम्मान देने की जरूरत है।