नारी डेस्क: आजकल की अनियमित जीवनशैली और गलत खानपान के कारण कई बीमारियां हो रही हैं, जिनमें से एक है फैटी लिवर। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में अतिरिक्त फैट जमा हो जाता है। अधिक शराब पीने, बाहर का खाना खाने और कम शारीरिक गतिविधि करने से यह समस्या बढ़ सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, फैटी लिवर के मरीजों के लिए कॉफी पीना फायदेमंद साबित हो सकता है।
फैटी लिवर क्या है?
फैटी लिवर एक ऐसी बीमारी है जिसमें लिवर के अंदर वसा (फैट) जमा हो जाता है। यह मोटापा, गलत खान-पान और शराब पीने की आदतों के कारण हो सकता है। हालांकि यह समस्या ज्यादातर लक्षणहीन होती है, पर कुछ मामलों में थकान, पेट दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है।
कॉफी कैसे फायदेमंद है?
एंटीऑक्सीडेंट्स
कॉफी में पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। यह लिवर में जमा फैट को कम करने और सूजन को रोकने में सहायक हैं।
लिवर एंजाइम्स
कॉफी में कुछ ऐसे एंजाइम्स होते हैं जो लिवर को साफ करने और अतिरिक्त फैट को हटाने में मदद करते हैं। यह लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाने में भी सहायक हैं।
एंटी-इंफ्लामेटरी गुण
कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड और कैफीन जैसे तत्व होते हैं, जो लिवर में सूजन को कम करने का काम करते हैं। सूजन को नियंत्रित कर लिवर के कार्य में सुधार लाया जा सकता है।
कौन सी कॉफी बेहतर है?
फैटी लिवर में काली कॉफी (ब्लैक कॉफी) पीना सबसे फायदेमंद मानी जाती है। ब्लैक कॉफी में चीनी और दूध नहीं मिलाया जाता, जिससे इसमें ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स होते हैं। यह लिवर को साफ रखने और फैट कम करने में सहायक होती है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि काली कॉफी पीने से फैटी लिवर का खतरा 71% तक कम किया जा सकता है।
किन लोगों को कॉफी से परहेज करना चाहिए?
दिल के मरीजों को हार्ट की समस्याओं से जूझते समय सीमित मात्रा में ही कॉफी पीनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी सेहत का ध्यान रखें और कॉफी के सेवन को नियंत्रित करें, ताकि उनकी स्थिति और न बिगड़े। महिलाओं को भी काली कॉफी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि अधिक मात्रा में कॉफी पीने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पाचन और गैस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को भी कॉफी का सेवन कम करना चाहिए। गैस या पाचन संबंधी समस्याएं होने पर कॉफी पीने से स्थिति और बिगड़ सकती है, इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है। पैनिक अटैक के मरीजों को कॉफी से दूर रहना चाहिए, क्योंकि कैफीन उनकी परेशानी को बढ़ा सकता है। ऐसे लोगों के लिए यह सलाह दी जाती है कि वे कैफीन युक्त पेय पदार्थों से बचें, ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके।
फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण
लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना। अचानक वजन कम होना। पेट में दर्द रहना। जी मिचलाना, उल्टी की इच्छा होना। भूख कम लगना। फैटी लिवर के उपचार में कॉफी का नियमित सेवन लाभकारी हो सकता है, पर इसका सेवन सीमित मात्रा में और सही समय पर करना जरूरी है।