21 NOVTHURSDAY2024 8:37:46 PM
Nari

Devuthani Ekadashi 2022: क्या है इस दिन का महत्व? जानें क्यों है ये एकादशी इतनी खास

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 28 Oct, 2022 01:19 PM
Devuthani Ekadashi 2022: क्या है इस दिन का महत्व? जानें क्यों है ये एकादशी इतनी खास

हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। ये माह भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा से जागते हैं इसलिए इस तिथि को देवउठनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। इस साल देवउठनी एकादशी 4 नवंबर को मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और मनवांछित फल प्रदान करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस दिन के बाद से सभी मांगलिक कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश क्रिया, उपनयन संस्कार फिर से शुरू हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं मुहूर्त और महत्व।

PunjabKesari Devuthani Ekadashi, Devuthani Ekadashi Importance, Dev Uthani Ekadashi 2022, Devuthani Ekadashi Shubh Mahurat, When Is Dev Uthani Ekadashi,Importance OF Devuthani Ekadashi, Shubh Mahurat Of Dev Uthani Ekadashi  

देवउठनी एकादशी 2022 का शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ - 3 नवंबर 2022 को शाम 07 बजकर 30 मिनट से शुरू

एकादशी तिथि समाप्त - 4 नवम्बर 2022 को शाम 06 बजकर 08 मिनट तक

पारण का समय- 5 नवंबर को सुबह 06 बजकर 36 मिनट से 08 बजकर 47 मिनट तक

PunjabKesari Devuthani Ekadashi, Devuthani Ekadashi Importance, Dev Uthani Ekadashi 2022, Devuthani Ekadashi Shubh Mahurat, When Is Dev Uthani Ekadashi,Importance OF Devuthani Ekadashi, Shubh Mahurat Of Dev Uthani Ekadashi  

देवउठनी एकादशी का महत्व

शास्त्रों के मुताबिक, आषाढ़ मास में पड़ने वाली देवशयनी एकादशी के दिन विष्णु जी आने वाले चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं जिसे चातुर्मास के नाम से जाना जाता हैं। तो वहीं कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी के दिन भगवान विष्णु जाग जाते हैं। इसी कारणवश साल में पड़ने वाली सभी एकादशियों में से ये अकादशी सबसे ज्यादा खास और महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से विष्णु भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है, साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक काम शुरू हो जाते हैं। इसके साथ ही द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह कराना शुभ माना जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे के साथ शालिग्राम का विवाह कराया जाता है।

PunjabKesari Devuthani Ekadashi, Devuthani Ekadashi Importance, Dev Uthani Ekadashi 2022, Devuthani Ekadashi Shubh Mahurat, When Is Dev Uthani Ekadashi,Importance OF Devuthani Ekadashi, Shubh Mahurat Of Dev Uthani Ekadashi  

भगवान विष्णु की इस तरह करें स्तुति

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥
यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे: ।
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा: ।
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम: ॥

PunjabKesari Devuthani Ekadashi, Devuthani Ekadashi Importance, Dev Uthani Ekadashi 2022, Devuthani Ekadashi Shubh Mahurat, When Is Dev Uthani Ekadashi,Importance OF Devuthani Ekadashi, Shubh Mahurat Of Dev Uthani Ekadashi  

Related News