17 मई का दिन हर साल पूरी दुनिया में वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के तौर पर मनाया जाता है। हाइपरटेंशन वो बीमारी जिसकी चपेट में आज हर 3 में से 1 व्यक्ति हैं। 90 प्रतिशत लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी है। अगर इसे कंट्रोल में ना किया जाए तो यह कई जानलेवा बीमारियों को न्यौता देती है। इस बीमारी के कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते इसीलिए तो इसे साइलेंट किलर कहते हैं हालांकि हाइपरटेंशन होने के कारण शारीरिक व मानसिक दोनों हो सकते हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार इंसान ब्लड प्रेशर 120/80 माना गया है और 140/90 से ऊपर के रक्तचाप को हाइपरटेंशन (Hypertension) कहा जाता है। जब रक्तचाप 140 से पार पहुंच जाए तो समझों सेहत को खतरा है इसलिए इसे गंभीरता से लेने की जरूरत होती हैं क्योंकि इसके चलते हार्ट किडनी और अन्य अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इस बीमारी का असर आंखों पर भी पड़ता है। वहीं रक्तचाप 180/120 से ऊपर चला जाए तो बहुत ही खतरनाक माना जाता है।
हाइपरटेंशन का मुख्य वजह एथेरोक्लेरोसिस
हाइपरटेंशन एथेरोक्लेरोसिस के चलते होता है। दिल के रास्ते ही शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं। ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने वाली रक्त वाहिनियों में कॉलेस्ट्रॉल, वसा पदार्थ, कोशिकाओं का अनुपयोगी पदार्थ, कैल्शियम और फाइब्रिन से प्लाक का निर्माण हो जाता है जिससे एथेरोक्लेरोसिस नामक बीमारी हो जाती है। जिससे रक्तचाप बढ़ने लगता है।
दोगुना हो जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
इसी समस्या के चलते ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा दोगुना हो जाता है। ऊपर का ब्लड प्रेशर हर 10 एमएम हीमोग्राम बढ़ने से इस्कीमिक स्ट्रोक (नस ब्लड का थक्का जमना) का खतरा करीब 28 प्रतिशत तथा हैमेरेजिक स्ट्रोक (नस फटना) का खतरा करीब 38 प्रतिशत बढ़ जाता है।
इन वजहों से बढ़ता है ब्लड प्रेशर
कॉलेस्ट्रॉल बढ़ने
मोटापा
आनुवांशिक वजह पहले घर में किसी को है
ज्यादा नॉनवेज खाने वाले
ऑयली फूड खाने वाले
शराब पीना
डॉक्टर और मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करना मुश्किल नहीं हैं। हैल्दी लाइफस्टाइल और खानपान की सही आदतों से कंट्रोल में रखा जा सकता है। इस बीमारी को कंट्रोल करना इसलिए भी जरूरी क्योंकि अगर बीपी कंट्रोल में न रहे तो दिल से जुड़ी बीमारियां और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
ये 7 चीजें खाकर कंट्रोल में रखें बीपी
कैल्शियम हड्डियां ही मजबूत नहीं बनाता बल्कि रक्त धमनियों के आसपास मौजूद मांसपेशियों पर दबाव कम पड़ता है। जब हम कैल्शियम कम लेते हैं तो मांसपेशियों पर दबाव बढ़ने लगता है जिससे ब्लड प्रैशर भी बढ़ने लगता है। यह समस्या कंट्रोल में ना की जाए तो किडनी हार्ट को नुकसान पहुंचता है। इसलिए कैल्शियम भरपूर आहार जैसे दूध, दही अंडे का सफेद हिस्सा। ताजे फल हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज लें पोटेशियम भरपूर चीजें खाएं।
ज्यादा नमक औऱ ऑयली चीजें खाने से परहेज करें। पानी का भरपूर सेवन करें और योग व एक्सरसाइज भी करते रहें।