कान हमारे शरीर का एक बहुत ही संवेदनशील और जरुरी अंग है। कानों की सफाई करना जितना जरुरी है, उतना ही यह भी जानना जरुरी है कि आखिर इनकी सफाई कब और कितनी करनी चाहिए। असल में कानों की मैल को इयर वैक्स के नाम से जाना जाता है। इस वैक्स को समय-समय पर साफ करना बहुत जरुरी काम होता है। तो चलिए जानते हैं कानों की देखभाल किस तरह से की जा सकती है।
कैसे जमा होती है कानों में मैल ?
कान की नली के बाहरी हिस्से में जमा होने वाली गंदगी को हम इयर वैक्स कहते हैं। कान के इस हिस्से में हज़ारों ग्रंथियां होती हैं। इनसे निकलने वाला तेल हमारे कानों को तैलीय रखता है। वहां पर कुछ पसीने की ग्रंथियां भी होती हैं। वह ग्रंथियां, कुछ बाल, मरी हुई चमड़ी और बदन से निकलने वाला पसीना आपस में मिलकर इयर वैक्स तैयार करते हैं। इंसान की तरह लगभग सभी स्तनधारी जीव ईयर वैक्स बनाते हैं।
क्या फायदेमंद होती है ईयर वैक्स ?
1980 में अमरीकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ के वैज्ञानिक 'टू जी चाय' और 'टोबी जी चाय' ने 12 लोगों के कानों से वैक्स इकट्ठा कर उसे अल्कोहल में मिला दिया। उस अल्कोहल को जानवरों के शरीर में पैदा हुए कीड़ों को खत्म करने के लिए किया गया। आप सुनकर हैरान रह जाएंगे कि कुछ ही दिनों में जानवरों का शरीर पूरी तरह से कीटाणु-रहित हो गया। 2011 में जर्मनी में भी ऐसा ही एक तजुर्बा किया गया। कान के वैक्स के असर से 10 तरह के कीटाणु और फफूंद की कई प्रजातियों का ख़ात्मा हो गया था।
कानों की सफाई का रखें इस तरह से ध्यान
बादाम के तेल से करें सफाई
कान में जमी मैल साफ करने के लिए सबसे पुराना तरीका है कि कान में एक या दो बूंद बादाम तेल डालकर, उसी दिशा में सिर घुमा लीजिए। 3 से 4 मिनट तक इसी अवस्था में बैठे रहिए। उसके बाद आप देखेंगे कि कान की मैल बिल्कुल मुलायम हो जाएगी और आसानी से बड्स की मदद से साफ हो जाएगी।
सरसों का तेल
बादाम के तेल की ही तरह सरसों के तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सरसों के तेल से कानों की सफाई करने का तरीका काफी पुराना है। वैसे भी सरसों का तेल त्वचा के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। आप चाहें तो बेबी ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
हाइड्रोजन पैराऑक्साइड
हाइड्रोजन पैराऑक्साइड और पानी की कुछ बूंदें बराबर मात्रा में लेकर उसे कान में डाल लें। जब कान में यह अच्छी तरह से चला जाए तब कुछ देर छोड़ने के बाद कान को पलटें ताकि पानी बाहर आ जाए, लेकिन ध्यान रखें हाइड्रोजन पैराऑक्साइड की मात्रा 3 परसेंट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस प्रयोग से भी कान की गंदगी आसानी से निकल जाती है।
सैलाइन सल्यूशन
सैलाइन सल्यूशन ½ कप हल्के गरम पानी में 1 छोटा चम्मच नमक घोल लें। फिर उसमें छोटा सा रूई का टुकड़ा भिगोएं और उसे कानों में निचोड़ दें। कान में पानी अच्छी तरह से चला जाना चाहिये। उसके बाद कान को पलट कर पानी को बाहर निकाल दें। ध्यान रखें इन सब उपायों का उपयोग घर के किसी सदस्य के पास होने पर ही करें।
इन बातों का रखें ध्यान
-अक्सर लोग नहाने के बाद ईयर बड्स लेकर कानों को हररोज साफ करने लग जाते हैं। ऐसा करने से कानों और सिर में दर्द भी हो सकती है। हफ्ते में एक बार कानों की सफाई करना उनकी देखभाल के लिए बहुत होता है।
-कई लोग बहुत तेजी से ईयरबड्स के साथ कान खूजलाते रहते हैं। इसके लिए उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। कई बार ईयरबड्स के साथ वैक्स बाहर आने के बजाय और अंदर चला जाता है। कई बार तो रुई कानों में फंस जाती है। बच्चों को तो बिल्कुल भी खुद ईयरबड्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
-कई लोग कान की मैल काफी दिनों तक साफ नहीं करते। ऐसा करने से कान को कई मुसीबतों से गुजरना पड़ सकता है। कान में जमी मैल के कई लक्षण हो सकतें हैं। जैसे कि कान में दर्द होना, कान भरा-भरा सा लगना या फिर कानों में आवाज़ आना, कानों से कम सुनाई देना इत्यादि। अगर आप भी इन्हीं में से किसी परेशानी से गुजर रहें हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कीजिए।