पानी पीना हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है यह सभी जानते हैं, शरीर के टाॅक्सिक को दूर करने के अलावा यह त्वचा को भी क्लीन करता है। वहीं गर्मी के दिनों में अधिकतर लोग को प्यास ज्यादा लगती है। दरअसल, बाहर की चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं के कारण गला मिनटों में सूखने लगता है जिससे बार-बार पानी पीने का मन करता है, लेकिन यदि बिना किसी कारण के आपका गला हमेशा सूखा रहता है तो यह खतरे की घंटी है, क्योंकि यह स्वास्थ्य संबंधी किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। आईए जानते हैं बार-बार लगने वाली प्यास किस बीमारी को देते है संकेत-
सलाइवा न बनना-
सलाइवा न बनने से भी बार-बार प्यास लगती है। जब लाल ग्रंथियां पर्याप्त मात्रा में लार यानि सलाइवा नही बना पाता तो अधिक प्यास लग सकती है। यह समस्या कुछ दवाइयों के सेवन से या तंबाकू के उपयोग के कारण हो सकती है।
प्रैगनेंसी-
गर्भावस्था में भी बार बार प्यास लगती है। बार बार प्यास लगना गर्भावस्था के शुरुआती दिनों के लक्षण हो सकते हैं। इस दौरान पूरे शरीर में रक्त प्रवाह का स्तर तेज हो जाता है, जो किडनी को अतिरिक्त तरल पदार्थ बनाने के लिए मजबूर करता है। एचसीजी हार्मोन के स्तर में वृद्धि और इसके साथ साथ शरीर के तरल पदार्थों में वृद्धि के कारण गर्भवती महिलाओं को बार बार वॉशरूम जाना पड़ता है। इससे आपको अधिक प्यास लगती है।
शूगर का संकेत-
बार-बार लगने वाली प्यास शूगर का संकेत हो सकता है क्योंकि जब आपके शरीर में कोशिकाएं इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाती हैं, तो किडनी को आपके रक्त से ग्लूकोज़ निकालने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे आपको बार-बार वॉशरूम जाना पड़ता है जिस वजह से बार बार प्यास लगती है। बता दें बार बार वॉशरूम जाना और अधिक प्यास लगना डायबिटीज के दो प्रमुख लक्षण हैं। ऐसी स्थिति होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।
एनीमिया का खतरा-
अधिक प्यास लगना एनीमिया का भी संकेत हो सकता है। आयरन की कमी एनीमिया का सबसे बड़ा कारण है, जब शरीर में आयरन की कमी होती है तो शरीर में खून बनना कम हो जाता है। जिससे एनीमिया जैसी भयावह बीमारी के रूप में तबदील हो जाता है। यह कई कारणों से हमें अधिक प्यास लगती है। आपको बता दें निर्जलीकरण यानि बार बार प्यास लगना, गला सूखना एनीमिया का सामान्य संकेत है। इसके अन्य लक्षणों में थकान, चक्कर आना अधिक पसीना आना शामिल है।
हाइपरकैल्सीमिया का संकेत-
बार-बार प्यास लगना हाइपरकैल्सीमिया का सबसे पहला लक्षण हो सकता है। हाइपरकैल्सीमिया में शरीर में कैल्शियम का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। खून में कैल्शियम की अधिक मात्रा हड्डियों को कमजोर बना देती है और गुर्दे में पथरी की संभावना को भी बढ़ा देता है।