इस बार साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण कंकणाकृति होगा। सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य मेष राशि में रहेंगे और गुरु मेष राशि में आकर सूर्य के साथ कॉम्बिनेशन करेंगे। इसी दिन वैशाख अमावस्या भी मनाई जाएगी। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है। इस सूर्य ग्रहण का असर भारत में दिखेगा कि नहीं और सूतक काल कब शुरु होगा आज आपको इसके बारे में बताएंगे। तो चलिए जानते हैं...
इस समय शुरु होगा
सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल सुबह 07:04 पर शुरु होगा और दोपहर में 12:29 तक रहेगा। इसके अलावा आपको बता दें कि इसका भारत में कोई भी प्रभाव नहीं दिखेगा। भारत में रहने वाले लोगों पर इसका कोई भी प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। यह सूर्यग्रहण कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरुनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ, न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और प्रशांत महासागर जैसी जगहों पर दिखने वाला है।
क्या भारत में होगा सूतक काल?
मान्यताओं की मानें तो सूर्यग्रहण लगने से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ नहीं किया जाता। इसके अलावा सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को भी हाथ नहीं लगाया जाता परंतु भारत में सूतक काल तभी माना जाता है यदि यहां सूर्यग्रहण लगने वाला है। ऐसे में साल का पहला सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए यहां पर सूतक काल भी नहीं माना जाएगा।
क्या होता है कंकणाकृति सूर्यग्रहण?
इस बार जो सूर्यग्रहण लगने वाला है वह कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा। कंकणाकृति सूर्यग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण भी कहते हैं। चंद्रमा जब धरती से काफी दूर होते हुए भी पृथ्वी और सूर्य के बीच आते हैं तो उसे कंकणाकृति सूर्यग्रहण हकहते हैं। ऐसी परिस्थिति में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाते हैं और धरती से देखने पर सूर्य भी बाहरी हिस्से जैसे कंगन की जैसे दिखता है। कंगन के जैसे चमकने वाला सूर्य ग्रहण को ही कंकणाकृति सूर्य ग्रहण कहते हैं।