नारी डेस्क: ट्रैवलिंग के दौरान बच्चों को कार सिकनेस से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय आज हम आपको बताएंगे। इन उपायों में सही सीटिंग पोज़िशन, अच्छी वेंटिलेशन, उपर की ओर देखना और उचित भोजन शामिल हैं, जो बच्चों को यात्रा के दौरान आरामदायक रखेंगे और सिकनेस को कम भी करेंगे। चलिए जानते हैं कुछ खास बातें जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए -
सही सीटिंग पोज़िशन
बच्चे की सीट को ऐसे रखें कि वे साइड विंडो से अधिक दृश्य देखें। यह उन्हें विश्रामदायक और स्थिर रखेगा।
वेंटिलेशन
कार में अच्छी वेंटिलेशन सुनिश्चित करें। खिड़कियाँ खोलें या एयर कंडीशनिंग चालू करें ताकि फ्रेश और प्राकृतिक हवा आ सके।
नीचे देखना रोकें
बच्चे को ऊपर की ओर देखने के लिए प्रोत्साहित करें। ऊपर की ओर देखने से उनका सिर और दिल का संतुलन बना रहता है, जिससे उल्टियां कम होती हैं।
उचित भोजन
यात्रा से पहले बच्चे को हल्का भोजन करवाएं। तेज और अधिक मसालेदार खाद्य पचने में कठिनाई पैदा कर सकता है और सिकनेस को बढ़ा सकता है।
ब्रेक्स लें
लंबी यात्रा में नियमित विश्राम और ब्रेक्स लें। बच्चे को खुली हवा में थोड़ी देर के लिए बाहर निकलने दें।
ध्यान दें
बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति और साइकलिकल विश्राम की समय-समय पर ध्यान दें। अगर उन्हें बुरा लग रहा है, तो जल्दी से विश्राम के लिए रुकें।
अच्छा स्थान
संभावित हो, तो कार की सबसे स्थिर जगह पर बच्चे की सीट रखें। इससे उनका सिकनेस कम होगा।
कार सिकनेस से बचने के उपाय
बच्चों में कार सिकनेस के लक्षणों को कम करने में अदरक बहुत काम आता है। इसका स्वाद बच्चो को उल्टी और जी मिचलाने से रोकता है। अदरक पेट के मसल्स के अंदर मूवमेंट को कंट्रोल करता है। बच्चे को अदरक का रस देने से कार सिकनेस से राहत मिलती है। इसके अलावा मिंट या लैंवेडर सूंघने से भी कार सिकनेस से राहत मिलती है।
सौंफ खाएं
कार सिकनेस होने पर बच्चों को सौंफ खिलाएं। इससे उल्टी नहीं आएगी और दिक्कत से छुटकारा मिलेगा सो जीरे को सफर में अपने साथ लेकर जाया जा सकता है।
पपीता
जब भी सफर के दौरान उल्टी जैसा महसूस हो तो पपीता खाएं। इससे बच्चों को अगर खराब पेट के कारण उल्टी जैसा महसूस हो रहा है तो पपीता खाने पर दिक्कत दूर हो जाएगी।
ये उपाय आपके बच्चे को कार सिकनेस से बचाने में मदद कर सकते हैं। अगर समस्या ज्यादा हो, तो चिकित्सक से परामर्श लेना भी फायदेमंद हो सकता है।