नारी डेस्क: धनतेरस का पर्व दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है और इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व होता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का पूजन करने से घर में स्वास्थ्य, धन-संपदा और सुख-समृद्धि आती है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे, इसलिए यह दिन उनकी पूजा के लिए उत्तम माना जाता है।
भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि
- सबसे पहले घर के मंदिर और पूजन स्थान की सफाई करें। मान्यता है कि स्वच्छता से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
- प्रातःकाल स्नान कर के शुद्ध मन से पूजा का संकल्प लें। स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल पर बैठकर मन को शांत करें।
- भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए पीतल या चांदी का पात्र, दीपक, कपूर, धूप, पुष्प, चावल, रोली, मौली, तिलक, गंध, पंचामृत, तुलसी के पत्ते, और नैवेद्य आदि सामग्री रखें।
- भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। प्रतिमा न हो तो पीतल का एक बर्तन लेकर उसकी पूजा करें।
- दीप जलाएं, कपूर और धूप से वातावरण को सुगंधित करें। इसके बाद भगवान धन्वंतरि को तिलक लगाएं और पुष्प अर्पित करें।
- भगवान धन्वंतरि को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) का स्नान कराएं। इसके बाद तुलसी के पत्ते, फल, और मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं।
धन्वंतरि मंत्र का जाप
- मंत्र जाप से पूजा को पूर्ण करें। “ॐ धन्वंतरये नमः” मंत्र का जाप करें या इस मंत्र का 108 बार जाप करें:
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ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये: अमृतकलश हस्ताय
सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय त्रिलोक्य पथाय त्रिलोक्य नाथाय
श्री महाविष्णुस्वरूपाय श्री धन्वंतरि स्वरूपाय श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय नमः॥
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धनतेरस पर करें भगवान धन्वंतरि की पूजा
धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बकर 31 मिनट पर शुरू हो जाएगी और तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा। 29 अक्टूबर को शाम में 6 बजकर 31 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 31 मिनट तक पूजन किया जा सकता है, यानी धनतेरस पूजन के लिए 1 घंटा 42 मिनट का मुहूर्त मिलेगा।
पहला मुहूर्त- 29 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 31 मिनट से लेकर 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
दूसरा मुहूर्त- दोपहर 11 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त- गोधूलि मुहूर्त में भी खरीदारी की जा सकती है. इस दिन गोधूली मुहूर्त शाम 5 बजकर 38 मिनट से लेकर 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।
अंत में भगवान धन्वंतरि की आरती करें। आरती के बाद घर के सभी सदस्यों को प्रसाद बांटें और स्वास्थ्य एवं समृद्धि की कामना करें।
धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का लाभ
स्वास्थ्य का वरदान: भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।
धन-संपत्ति और समृद्धि: इस दिन धन संबंधी पूजन करने से माता लक्ष्मी की भी कृपा मिलती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि और संपत्ति का वास होता है।
आयु में वृद्धि: भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है, और शरीर स्वस्थ व ऊर्जावान बना रहता है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: पूजा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता का संचार होता है, जिससे घर का माहौल सुखद व शांतिपूर्ण बनता है।
धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का महत्व और लाभ व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, और शांति का संचार करते हैं। इस दिन सच्चे मन से पूजा करके इनका आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने घर में सुख-शांति का अनुभव करें।