तनाव, मौसम में बदलाव, तेज धूप और नींद पूरी ना होने की वजह से माइग्रेन दर्द कभी भी शुरू हो जाता है। इसके कारण सिर के आधे हिस्से में तेज दर्द होने लगता है, जिसे बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल होता है। माइग्रेन दर्द सिर्फ सिरदर्द तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि शरीर के दूसरे हिस्सों में भी महसूस हो सकता है। यहां तक कि यह दर्द गर्दन तक पहुंच सकता है।
माइग्रेन और गर्दन दर्द के बीच कनैक्शन
माइग्रेन के दौरान पहले सिर के आधे हिस्से में हल्का दर्द होता है, जो 4 घंटे से लेकर 72 घंटे तक बना रह सकता है। इसके कारण सिर्फ सिर ही नहीं बल्कि गर्दन के बीच भी दर्द महसूस हो सकता है। दरअसल, माइग्रेन ट्राइजेमिनोसर्विकल कॉम्प्लेक्स पर असर डालता है। यह दिमाग का वो हिस्सा है जिसमें तंत्रिकाएं चेहरे औरव गर्दन के ऊपरी हिस्से से जुड़ी होती हैं।
चेहरे और जबड़े में भी होता है दर्द
एक्सपर्ट की मानें तो माइग्रेन के कारण कई बार चेहरे व जबड़े में भी असहनीय दर्द हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मस्तिष्क की एक नस चेहरे से भी जुड़ी होती है, जिसे ट्राइजेमिनल नर्व कहते हैं। यही वजह है कि माइग्रेन चेहरे व जबड़े को भी प्रभावित करता है।
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक समस्या
शोध के मुताबिक, 69% लोगों को माइग्रेन के दौराना सिर के साथ गर्दन में भी तेज दर्द होता है। ऐसे में गर्दन दर्द माइग्रेन का एक मुुख्य लक्षण हो सकता है। वहीं, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को माइग्रेन की समस्या अधिक होती है।
माइग्रेन में दिखने वाले लक्षण
. सिर का लगातार तेजी से फड़फड़ाना।
. सुबह उठते ही सिर पर भारीपन व तेज दर्द महसूस होना।
. उल्टी आना।
. सिर के एक ही हिस्से में लगातार दर्द रहना।
.आंखो में दर्द व भारीपन महसूस होना।
. तेज रोशनी और आवाज से परेशानी होना।
. दिन के समय भी उबासी आना।
. अचानक से कभी खुशी तो कभी उदासी छा जाना।
. अच्छे से नींद न आना।
. बार- बार यूरिन आना।
अगर इसके अलावा सिर में चोट, बोलने में दिक्कत, धुंधला दिखना और गर्दन अकड़न महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
माइग्रेन दर्द की वजह
खराब तरीके से बैठने, जोड़ों के रोग, गर्दन के ऊपरी नसों में खिंचाव के कारण माइग्रेन दर्द बढ़ जाता है। इसके अलावा तनाव, ब्लड प्रेशर, मौसम में बदलाव, तेज धूप और नींद पूरी ना होने की वजह से माइग्रेन दर्द कभी भी शुरू हो सकता है।
माइग्रेन में खानपान का रखें ध्यान
माइग्रेन मरीजों को खट्टे फल, प्रोसेस्ड फूड, अंडा, शराब, कैफीन, डेयरी उत्पाद, और नाइट्रेट्स वाली चीजें से दूर रखना चाहिए। डाइट में मैग्नीशियम वाले फूड्स अधिक लें साथ ही तेज सुगंध या रोशनी से दूर रहें।
घरेलू इलाज
. दर्द महसूस होने पर कनपटी पर लैवेंडर ऑयल लगाएं या सूंघें।
. एक्यूप्रेशर या एक्यूपंक्चर, सोंठ या दालचीनी चाय, ऑयल मसाज, योग और स्ट्रेचिंग भी माइग्रेन दर्द को कम करने में मददगार है।
. इसके अलावा नाक में दो बूंदे देसी घी की डालने से भी माइग्रेन दर्द दूर होता है।
. तेज स्मेल वाली चीजें, मौसम में बदलाव या बहुत अधिक स्ट्रेस भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। ऐसे में इनसे जितना हो सके बचने की कोशिश करें।
याद रखें कि माइग्रेन को कभी बढ़ने ना दें। इससे छुटकारा पाने के लिए अपनी दवाई हमेशा अपने पास रखें और दर्द महसूस हो तो तुरंत लें।