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कोरोना से नई मुसीबत! भारत में Black Fungus का आतंक, छीन रहा आंखों की रोशनी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 25 Dec, 2020 10:47 AM
कोरोना से नई मुसीबत! भारत में Black Fungus का आतंक, छीन रहा आंखों की रोशनी

जहां एक तरफ भारत कोरोना महामारी से जूझ रहा है वहीं दूसरी तरफ देश में एक नए संक्रमण ने धावा बोल दिया है। दरअसल, दिल्ली, अहमदाबाद, गुजरात और मुंबई में एक दुर्लभ संक्रमण ब्लैक फंगस का कहर देखने को मिल रहा है। ब्लैक फंगस इंफेक्शन यानी म्यूकॉरमाइकोसिस का पहला मामला दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में दर्ज किया गया है।

कितना खतरनाक है यह फंगस?

यह वायरस इतना खतरनाक है कि 2 दिनों में सही इलाज ना करवाने पर व्यक्ति की आंखों की रोशनी के साथ जान जाने का खतरा भी जा सकता है। दिल्ली के मैक्स, अपोलो, और फोर्टिस में इस खतरनाक संक्रमण के मामले नजर आ चुके हैं। इनमें से कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है।

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क्यों फैल रहा यह संक्रमण?

हालांकि एक्सपर्ट के मुताबिक, यह एक गंभीर बीमारी जरूर है लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि यह बीमारी पहले से ही हमारे बीच में मौजूद थी। ब्लैक फंगस या म्यूकॉरमाइकोसिस नाक, कान, गले और शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाती है। इसके कारण पहले आंख पर सूजन आती है और फिर 1-2 दिन में ही आंखों की रोशनी चली जाती है।

किन लोगों को अधिक खतरा?

बीते दिनों इस बीमारी के बढ़ने की वजह कमजोर इम्यूनिटी है। पहले यह बीमारी अनकंट्रोल डायबिटीज, ट्रांसप्लांट मरीजों, कीमोथेरेपी और बुजुर्ग लेकिन कोरोना के बाद को-मॉर्बिडिटी और ज्यादा स्टेरॉइड मरीजों में भी यह समस्या देखने को मिल रही है।

शरीर पर किस तरह हमला करता है फंगस 

ब्लैक संक्रमण कोई छुआ-छूत की बीमारी नहीं है लेकिन यह हवा के जरिए फैल रहा है, जो नाक से बलगम में मिलकर चमड़ी में चला जाता है। धीरे-धीरे यह शरीर के अन्य अंग व दिमाग में फैलना शुरू हो जाती है। बता दें कि इस खतनाक वायरस से मृत्यु की दर 50% है।

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ब्लैक फंगस का कोविड कनेक्शन 

पहले ब्लैक फंगस के ज्यादातर मामले डायबिटीज मरीजों के होते थे, जो कुछ स्टेरॉइड ले रहे होते हैं। मगर, अब ज्यादा मामले कोरोना से ठीक हुए मरीजों के सामने आ रही हैं। इनमें से 3 व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। जो कोरोना से रिकवर हुए, स्टेरॉइड लेने वाले और डायबेटिक मरीज है अगर उन्हें सिरदर्द की शिकायत हो तुंरत डॉक्टरी मदद लें।

ब्लैक फंगस के लक्षण

. नाक की अंदरुनी दीवारों पर सूखापन
. नाक के अंदर काली व भूरे रंग की पपड़ियां जमना
. नाक बंद होना
. ऊपर वाले होठों और गालों का सुन्न होना
. आंखों में सूजन और लालपन
. अचानक धुंधला दिखाई देना

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संक्रमण ठीक कैसे हो सकता है? 

ब्लैक फंगस के लिए डॉक्टर स्ट्रान्ग एंटी-फंगस दवाएं देते हैं लेकिन अगर मरीज दवा से ठीक ना हो तो उस हिस्से को काटना भी पड़ सकता है, जिसे फंगस से नुकसान हुआ हो। फंगस के कारण वो हिस्सा गैंगरीन जैसा हो जाता है, जिसके बाद वो दूसरे हिस्सों तक पहुंचने लगता है।

कैसे रखें बचाव?

इस संक्रमण से बचाव यही है कि लक्षण पहचानकर जल्द से जल्द इलाज करवाया जाए। इसके अलावा

. मास्क पहनकर रखें और बार-बार साबुन से हाथ धोएं।
. ज्यादा धूल वाले इलाके में जाने से परहेज करें।
. पानी की वजह से खराब हुई इमारतों व जहां पानी जमा हो, उस स्थान से दूर रहें।
. काफी दिनों से बंद पड़े बड़े यार्ड, मिट्टी वाले इलाके और पुराने बागों आदि में न जाएं।

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साथ ही जो लोग स्टेरॉइड वगैरह ले रहे हैं वो अपने लक्षण को पहचानने की कोशिश करें और बिना देरी इलाज करवाएं।

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