हाल ही में एक बहुत चौंकाने वाला मामला हैराबाद से सामने आया जिसमें ब्यूटी पार्लर में हेयर कट के लिए गई महिला को हेड वॉश करवाते समय तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने इस ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम का नाम दिया है। डॉक्टर का कहना है की जब बाल धुलवाने के लिए महिला ने अपनी गर्दन नीचे झुकाई तो उसी समय मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाने वाली नस दब गई और इस वजह उसे स्ट्रोक आया। उनका कहना है की महिला के हालत में सुधार है लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में अभी उन्हें टाइम लगेगा। आईए जानते हैं क्या है ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम और क्या होते है इसके लक्षण।
क्या होता है ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम?
एक्टपर्ट के मुताबिक पार्लर में स्ट्रोक आने की इस तरह की पहली घटना अमेरिका में साल 1993 में सामने आई थी। इसके बाद इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। यह तब होता है, जब जब किसी को काफी देर तक गर्दन पीछे की ओर ऊपर करके और पैर सीधे करके बैठाया जाता है। आमतौर पर पार्लर में बाल धुलाने के लिए बनी कुर्सी पर जैसे महिलाएं बैठतीं हैं, वह स्थिति हानिकारक होती है। आपको बता दें की सैलून में हेयर वॉश के दौरान रेक्लाइनिंग पोजिशन में बिठाकर गर्दन पीछे की जाती है। कई बार गर्दन को एक ही तरफ काफी समय के लिए रखना पड़ता है। हेयर वॉश के बाद बाल सुखाने के लिए भी गर्दन को पीछे की तरफ झुकाए रखना होता है। इस पूरी प्रक्रिया में 40-45 मिनट का समय लगता है।इतने लंबे समय तक इस पोजिशन में रहने के कारण वर्टेब्रल आर्टिरी सिकुड़ जाती है।
बन जाते हैे रक्त के थक्के
20-30 मिनट तक जब महिलाएं इसी पोजिशन में बैठी रहती हैं तो रक्त की आपूर्ति इतनी कम हो जाती है कि रक्त का थक्का बन जाता है और इससे स्ट्रोक की स्थिति पैदा होने लगती हैं।
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम के लक्षण
चक्कर आना
असंतुलन
धुंधली दृष्टि
जी मिचलाना
उल्टी
वैसे तो इस सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं, लेकिन आप इससे परहेज जरुर कर सकती हैं। कोशिश करें की बाल घर पर ही धो लें और पार्लर में सिर्फ हेयर कट लें। अगर किसी वज़ह से आपको पार्लर में बाल धुलवाने पड़ रहे हैं तो 5-10 मिनट के अंदर इस काम को निपटा दें।