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Space की सैर करने के बाद Sunita Williams को इन बीमारियों का खतरा !

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 19 Mar, 2025 06:30 PM
Space की सैर करने के बाद Sunita Williams को इन बीमारियों का खतरा !

नारी डेस्क: हाल ही में भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के तहत अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी पर वापसी की। स्पेस में महीनों बिताने के बाद जब एस्ट्रोनॉट्स वापिस धरती पर लौटते हैं तो उनका शरीर कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करता है। जीरो ग्रैविटी के प्रभाव के कारण हड्डियों और मांसपेशियों में कमजोरी, रीढ़ की हड्डी में दर्द, आंखों में दिक्कतें और अन्य शारीरिक बदलाव आते हैं। इस दौरान उनके शरीर में बदलाव इस हद तक होते हैं कि उन्हें वापस पृथ्वी पर आते ही मुश्किलें शुरू हो जाती हैं। जानिए, स्पेस के बाद एस्ट्रोनॉट्स को किन गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है और उनके शरीर में क्या परिवर्तन आते हैं।

हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याएं

अंतरिक्ष में शरीर गुरुत्वाकर्षण के बिना होता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। नासा के अनुसार, अंतरिक्ष में हर महीने हड्डियों की घनता लगभग 1% कम हो जाती है। खासकर पैरों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डियां, जो पृथ्वी पर भारी काम करती हैं, कमजोर हो जाती हैं। इसके साथ ही मांसपेशियों का नुकसान भी होता है। एस्ट्रोनॉट्स को इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

खासकर जब वे पृथ्वी पर लौटते हैं और उनका शरीर फिर से गुरुत्वाकर्षण के अनुसार काम करना शुरू करता है। इसे ठीक करने के लिए उन्हें अंतरिक्ष में रहते हुए प्रतिदिन एक्सरसाइज करनी पड़ती है, लेकिन पृथ्वी पर लौटने के बाद भी उनका शरीर असर महसूस करता है। इस स्थिति में गिरने, हड्डियों के टूटने, ऑस्टियोपोरोसिस और अन्य चिकित्सा समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

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रीढ़ की हड्डी में बदलाव

अंतरिक्ष में, गुरुत्वाकर्षण के बिना एस्ट्रोनॉट्स की रीढ़ की हड्डी फैल जाती है। इस कारण उनका कद थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन जब वे पृथ्वी पर लौटते हैं, तो रीढ़ की हड्डी फिर से संकुचित हो जाती है, जिससे पीठ में दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है। नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री स्कॉट केली और फ्रैंक रुबियो ने इस अनुभव को महसूस किया था, और पीठ दर्द की शिकायत की थी।

आंखों से जुड़ी समस्याएं

अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी से शरीर में तरल पदार्थ सिर की ओर चला जाता है, जिससे आंखों पर दबाव बढ़ता है। इससे आंखों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे धुंधला दिखना और दृष्टि संबंधी समस्याएं। इस प्रकार, अंतरिक्ष यात्री जब स्पेस से पृथ्वी पर लौटते हैं तो उनका शरीर कई बदलावों से गुजरता है। स्पेस में लंबे समय तक रहने के कारण, उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनसे उबरने के लिए उन्हें उपचार और सही देखभाल की आवश्यकता होती है।

 
 

   

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