खून में हीमोग्लोबिन या रैड ब्लड सैल्स की कमी को एनीमिया कहते हैं। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में इसकी समस्या ज्यादा पाई जाती है। एक शोध के मुताबिक भारत में 80 फीसदी से अधिक गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं। आइए जानते हैं एनीमिया के कारण, लक्षण और बचाव—
क्या है एनीमिया?
सामन्य भाषा में कहा जाए तो जब हमारे शरीर में खून की कमी हो जाती है, इसी को एनीमिया कहा जाता है। महिलाओं के शरीर में 11 से 14 ग्राम के बीच खून होना चाहिए। जब खून का लैवल इससे नीचे चला जाता है तो इसे एनीमिया कहते हैं।
लक्षण
•कमजोरी महसूस होना, जल्दी थकना
•सांस फूलना और चक्कर आना
•सिर और सीने में दर्द
•हाथों और पैरों की हथेलियों का ठंडा पड़ना
•दिल की धड़कन का तेज होना
•जीभ, नाखूनों, पलकों के अंदर सफेदी
•आंखों का पीला पड़ना
कारण
एसजीएल चैरिटेबन अस्पताल की ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. नीलू खन्ना बताती हैं कि एनीमिया के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें प्रमुख हैं— अनियमित माहवारी, असंतुलित आहार, बार-बार गर्भवती होना यानी बच्चे पैदा करने में अंतराल न रखना, छोटी उम्र में शादी होना, महिलाओं और पुरुषों के आहार में अंतर, थायराइड डिसऑर्डर, कुछ अनुवांशिक रक्त विकार (मां-बाप से बच्चों में होना), आयरन की कमी, आंत में कीड़ा लगना, ब्लड कैंसर और इंटरर्नल ब्लीडिंग। कई महिलाओं में एनीमिया की समस्या गर्भावस्था के दौरान होती है।
उपाय
एनीमिया से बचाव के लिए आयरन युक्त चीजों जैसे- चुकंदर, आंवला, अनार, किवी, सेब, जामुन, गुड़, मूंगफली, तिल और अंकुरित आहार को अपनी डेली डाइट में शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। विटामिन-बी और फॉलिक एसिड युक्त चीजों को आहार में शामिल करें। रोजाना व्यायाम भी जरूरी है। समस्या ज्यादा बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
-डॉ नीलू खन्ना