पिछले कुछ सालों से जम्मू-कश्मीर बदलाव की राह पर चल रहा है। आतंकवादी हिंसा, पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी देखने के बाद यह कहना बगलत नहीं होगा कि कश्मीर में अब नई सुबह हो चुकी है। इसका सबसे बडा उदाहरण पेश किया है 33 वर्षीय आलिया फारूक ने जिन्होंने वहां की महिलाओं के लिए जिम खोलकर एक नई पहल की है।
आलिया फारूक कश्मीर की पहली सर्टिफाइड महिला जिम ट्रेनर तो हैं ही साथ ही उन्होंने घाटी में रूढ़ियों को तोड़ कर लाखों महिलाओं के लिए मिसाल भी पेश की है। खानयार में रहने वाली आलिया 2012 में एक जिम ट्रेनर बन गई थी। इस 9 साल में उन्होंने हजारों महिलाओं को ट्रेनिंग दी।
आलिया के पति इरफान अहमद ने उनका हर कदम पर साथ दिया। महिला जिम ट्रेनर ने ट्रेनिंग के दिनों काे याद करते हुए बताया कि जिस जिम में वह जाती थी वहां पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग मंजिलें थी। लेकिन महिलाएं पुरुष ट्रेनर द्वारा वर्कआउट कोचिंग लेने में असहज रहती थी।
आलिया ने खुद ही कुछ वेट ट्रेनिंग लेने का फैसला किया। उन्होंने जम्मू और कश्मीर बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के साथ फिटनेस ट्रेनिंग कोर्स के लिए दाखिला लिया। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आलिया ने खुद का जिम खाेला जो सिर्फ महिलाओं के लिए है।
आलिया का कहना है कि जिम इंस्ट्रक्टर बनने का उनका प्रयास उनके पति के समर्थन के बिना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरे पति ने जीवन के हर पड़ाव में मेरा साथ दिया. वह मेरी असली ताकत हैं। आलिया कश्मीर की पहली महिला फिटनेस ट्रेनर होने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भी नामांकित हुई। आलिया को इस बात का दुख है कि ज्यादातर महिलाएं अपनी निजी फिटनेस की परवाह नहीं करती हैं।