फिट और सेहतमंद रहने के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है और अगर आप अकेली दौड़ ही लगा लें तो पूरी बॉडी का वर्कआउट हो जाता है। दौड़ना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे ना सिर्फ बीमारियां दूर रहती हैं बल्कि स्टेमिना भी बूस्ट होता है। बावजूद इसके लोग रनिंग करने में घबराते हैं लेकिन गुड़गांव की रहने वाली आंचल सहगल ने दौड़ को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लिया है। वह पिछले 3 सालों से दौड़ लगा रहीं है, जिसकी शुरूआत भले ही उनके लिए आसान नहीं थी लेकिन कहते हैं ना कि मन में कुछ करने की ठानी हो तो पूरी कायनात उसे पूरा करने में लग जाती है। आंचल पिछले 100 सालों से बिना रूके, बिना थके 100 कि.मी. की दौड़ लगा रही हैं और अब तो उन्होंने एक ओर रिकॉर्ड कायम कर दिया है। उन्होंने बैक-टू-बैट 3 दिन में 300 कि.मी. की दौड़ लगाई।
आंचल ने 3 दिनों में पूरी की बैक-टू-बैक दौड़
100 कि.मी. के अल्ट्रा रन को नियमित रूप से पूरा करने की आदत बना चुकी आंचल ने पिछले हफ्ते एक नई चुनौती पर विजय प्राप्त की। आंचल ने 3 दिन, रोज की 100 कि.मी. यानि बैक-टू-बैक 300 कि.मी. की दौड़ लगाकर हाल ही में भीषण दौड़ (Gruelling Race) में रिकॉर्ड कायम किया है।
रेस में शामिल हुए 300 प्रतिभागी
पिछले हफ्ते भारत में The Hell Race की तरफ से आयोजित की गई अल्ट्रा दौड़ में लगभग 300 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें सभी को 3 दिनों तक प्रतिदिन 100 कि.मी. की दौड़ पूरी करनी थी। आंचल बताती हैं, 'यह एक एक्सक्लूसिव इवेंट था, जिसमें आयोजक आपकी पिछले रेसिंग, रनिंग हिस्ट्री और परर्फामेंस को देखकर तय करेंगे कि क्या आप इसे आजमाने के लिए तैयार हैं। पूरे भारत से केवल 300 प्रतिभागियों को चुना गया था।'
सिर्फ 17 प्रतिभागियों ने पूरी की रेस
आखिर में 3 दिनों की दौड़ के बाद सिर्फ 17 प्रतिभागी ही दूरी को पूरा करने में कामयाब रहें, जिसमें से आंचल भी एक हैं। आंचल का कहना है कि उन्होंने पहले सिर्फ 100 कि.मी. की दौड़ लगाई थी लेकिन ये लगातार 3 बार था। आंचल ने कहा कि शुरू में मेरा लक्ष्य सिर्फ उतना ही प्रयास करना था जितना मैं कर सकती थी लेकिन दूसरे दिन रेस खत्म करने के बाद मैं जानती थी कि पिछे हटना कोई विकल्प नहीं था।
भारी गर्मी और उमस भी नहीं रोक पाई आंचल का रास्ता
आंचल के अलावा गुड़गांव के कई धावकों ने इस में हिस्सा लिया और 3 दिन तक साथ-साथ दौड़ें भी लेकिन हर किसी की दौड़ के समय में अंतर था। आंचल बताती हैं, 'गर्मी और उमस के कारण हम आधी रात से सुबह तक दौड़ते रहे, दोपहर तक 100 कि.मी. की दूरी पूरी कर ली। भले ही मैं मिलेनियम सिटी के सुनसान रास्तों पर देर रात भागती रहीं लेकिन मुझे काफी सुरक्षित महसूस होता था।'